Election Commission महाराष्ट्र में 9 विधानसभा सीटों पर करा सकता है चुनाव, पढ़ें डिटेल

महाराष्ट्र में 9 विधानसभा सीटें फिलहाल रिक्त हैं, ऐसे में राजनीतिक दलों की नजर चुनाव आयोग के निर्णय पर टिकी हैं।
महाराष्ट्र – देश में सबसे ज्यादा कोरोना महामारी की चपेट में महाराष्ट्र राज्य आया है। यह सूबा इस वक्त राजनीतिक संकट से भी गुजर रहा है। 28 मई को वर्तमान सीएम उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बने हुए 6 महीने पूरे होने जा रहे हैं। उद्धव अब तक किसी भी सीट से विधायक नहीं है और न ही वह किसी सदन के मनोनीत सदस्य भी हैं, ऐसे में अगर 28 मई के पहले 9 रिक्त सीटों पर चुनाव नहीं होते हैं तो उद्धव को इस्तीफा देना पड़ सकता है। प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता के बीच उद्धव ठाकरे इस मसले को लेकर खुद पीएम नरेंद्र मोदी से भी चर्चा कर चुके हैं। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब जानकारी सामने आ रही है कि भारत निर्वाचन आयोग 9 विधानसभा सीटों पर जल्द चुनाव की घोषणा कर सकता है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त करेंगे बैठक
बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग की शुक्रवार को इस मसले को लेकर बैठक होने जा रही है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा फिलहाल यूएस में हैं और वे वहीं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक में शामिल होंगे। इस दौरान दो अन्य इलेक्शन कमिश्नर भी बैठक में मौजूद रहेंगे। बता दें कि चुनाव की घोषणा और मतदान में कम से कम 21 दिनों का अंतर होना चाहिए। ऐसे में चुनाव कार्यक्रम तत्काल घोषित किया जा सकता है जिससे 27 मई के पहले मतदान संपन्न कराया जा सके।
चुनाव आयोग की पॉलिसी के तहत कोई भी व्यक्ति जो मंत्री के तौर पर नियुक्त किया गया है और वह उपयुक्त विधानसभा का सदस्य नहीं है उसे संवैधानिक जरुरत को पूरा करने के लिए चुनाव लड़ने की छूट दी जाती है। इसके लिए 6 महीने में चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराई जाती है।
कोरोना के चलते टले थे चुनाव
दुनियाभर में आतंक मचा रहे कोरोना ने भी फरवरी के आखिर में भारत में दस्तक दे दी थी। इसके चलते चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया था। इस बीच सीएम उद्धव ठाकरे के पद पर शपथ लेने के 6 महीने पूरे होने की स्थिति आ गई है। इसके चलते राज्य में सीएम कुर्सी पर संकट गहरा गया है। यही वजह है कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने चुनाव आयोग से तत्काल चुनाव कार्यक्रम घोषित करने की मांग भी की थी।
इसके साथ ही उद्धव सरकार ने विपक्षी दल भाजपा पर भी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। ऐसे सूबे में राजनीतिक स्थिरता के लिए पीएम मोदी से मदद मांगी थी।
