आखिर भाजपा क्यो नही लेती रुचि?
भाजपा ने इस बार भी नहीं ली दिलचस्पी —–
दुग्ध समिति के चुनाव मे सहकारी नेता झाला समर्थक हुए निर्विरोध निर्वाचित ,7 को होंगे अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव
बड़ावदा-शिरीष सकलेचा
ग्राम पंचायत व नगर परिषद चुनाव के पहले यहां दुग्ध समिति बड़ावदा के निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी होती जा रही है ।28 मई को निर्वाचन की प्रक्रिया चुनाव अधिकारी विवेक खराडे की देखरेख में हुई। 8 संचालको हेतु 9 फार्म जमा हुए जिसमे एक फार्म मिश्रीमल कटारिया द्वारा वापस लिए जाने से सभी सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हो गए। जिनके निर्वाचित होने की अधिकृत घोषणा 4 जून को होगी। उसके बाद 7 जून को अध्यक्ष्,उपाध्यक्ष आदि का चुनाव सर्वसम्मिति से होगा। निम्न 8 सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए है – सत्यनारायण पिता रूगनाथ झाला,
सुरेशचंद्र पिता मोहनलाल कोठारी ,
अम्मबाराम पिता पन्नालाल कोठारी , लक्षमीनारायण पिता नरसिगं कुमावत , रामकिशन पिता मोहनलाल कटारिया , विनोद पिता अमरजी अजा , चन्दाबाई पति शांतिलाल कुमावत महिला, प्रेमलता पति रामगोपाल कुमावत ।
दुग्ध समिति के चुनाव को लेकर यहां राजनीतिक दलों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। हालांकि यह चुनाव किसी पार्टी के चिन्ह से नहीं होते हैं लेकिन यहां सहकारी,कांग्रेस नेता सत्यनारायण झाला समर्थकों का कब्जा इस बार भी बरकरार रहा। बताया जाता है कि 1984 से ही दुग्ध समिति पर झाला समर्थक काबिज होते आए हैं ।कई बार भाजपा ने चुनाव में रुचि लेकर जीत हासिल करने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। जिसके बाद भाजपा ने मानो चुनाव से मुह ही मोड़ लिया। कांग्रेस का दूसरा धड़ा भी सक्रिय नहीं रहता है जिससे हमेशा झाला को फायदा होता आया है। इस चुनाव की सुगबुगाहट कहीं दिखाई नहीं दी, नहीं दुग्ध समिति द्वारा किसी प्रकार की चुनावी प्रक्रिया की जानकारी मीडिया के माध्यम से दी गई ।बताया जाता है कि कई नेताओं को तो चुनाव की जानकारी भी नहीं है ।सभी संचालकों के निर्विरोध चुने जाने के बाद अब अध्यक्ष उपाध्यक्ष भी निर्विरोध ही चुने जाएंगे ।यह पदाधिकारी भी झाला की पसंद के ही होंगे क्योंकि पूरी रणनीति उन्हीं के हिसाब से बनती है ।उनके परिवार के लोगों को भी संचालक मंडल में अच्छा स्थान मिला है ।अब देखना है कि अध्यक्ष की कमान किसके हाथों में होती है।