उज्जैन : नगर निगम में संचालित आधार पंजीयन केंद्र पर लोग दुर्व्यवहार के शिकार,भोपाल से दिल्ली तक हो रही शिकायतें।

नोडल अधिकारी बोलीं : सेंटर की शिकायतें मिल रही, लाइसेंस हो सकता है निरस्त

विशाल जैन उज्जैन- शहर में जरूरतमंदों को आधार कार्ड बनवाने,संशोधन करवाने के लिए नगर निगम में संचालित केंद्र पर वहां कार्यरत कर्मचारियों के दुव्र्यवहार का शिकार होना पड़ रहा है। शिकायतों का आलम यह है कि लोगों को आवश्यक जानकारी नहीं दी जाती। बाद में उनके फार्म रिजेक्ट हो जाते हैं। सारा ठिकरा आवेदक के माथे फोड़ दिया जाता है।

मौके पर पड़ताल की तो वहां उपस्थित गरीब और जरूरतमंद लोगों की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं था। जरूरतमंदों का कहना था कि हम तो अनपढ़ हैं। शासन की विभिन्न योजनाओं हेतु आधार कार्ड आवश्यक है। कुछ का कहना था कि उनके आधार कार्ड में गलतियां है,जिसे सुधरवाना है। वे यहां आते हैं तो कोई जानकारी देने वाला नहीं होता है। यह कहा जाता है कि दिवार पर चिपके नमूने को देखकर फार्म भरो। जरा सी गलती होने पर फार्म वापस कर दिया जाता है। जिन्हे लिखना पढऩा नहीं आता है वे सबसे अधिक परेशान होते हैं। दो से चार दिन तक बुलाया जाता है। फिर भी काम नही होने पर लोग निराश होकर वापस लौट जाते हैं। जो लोग तर्क करते हैं,उनके फार्म कम्प्यूटर पर भर दिए जाते हैं। 15 दिन बाद उनके पास सूचना आ जाती है कि उनका फार्म रिजेक्ट हो गया है। जब वे वहां पुन: जाकर शिकायत करते हैं तो कहा जाता है कि हमने तो पहले ही कहा था कि सही भरकर लाओ।

यह हाल है संचालक के इस संबंध में चर्चा करना चाही तो मौके पर संचालक उपलब्ध नहीं थे। जब पूछा गया तो कहा गया कि नम्बर कांच पर चिपका है, उसे देखकर फोन लगा लो। जब वहां लिखे नाम अंकित सोनी के मोबाइल पर फोन लगाया गया तो दूसरी ओर से जवाब आया कि नगर निगम के सामने फोटोकापी की दुकान है। यहां आ जाओ, जो समस्या है, हल कर देंगे। जब प्रश्न किया गया कि समस्या केंद्र पर है, दुकान पर नहीं। फिर दुकान पर कोई भी जरूरतमंद क्यों आए? दूसरी ओर से फोन काट दिया गया।

बहुत सारी शिकायतें है
इस संबंध में नोडल अधिकारी बिंदु डोडिया से चर्चा की गई तो उन्होने कहा कि नगर निगम के केंद्र की बहुत सारी शिकायतें है। वहां आधार बनाने जाने वाले लोगों की काउंसलिंग भी नहीं होती है। कोई जानकारी नहीं देता, बल्कि दुव्र्यवहार की शिकायतें आती है। नईदिल्ली तक शिकायतें है। आशंका है कि ऐसा ही चला तो इस केंद्र के संचालक का लायसेंस निरस्त करके इसे बंद कर दिया जाएगा। दो दिन पूर्व विधायक पारस जैन ने भी नाराजगी व्यक्त की थी।

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