जनपद सीईओ के आदेश का ग्राम पंचायत के प्रधान एवं सचिव उड़ा रहे मजाक।

अलीराजपुर से जिला चीफ ब्यूरो जितेंद्र वर्मा की रिपोर्ट

उदयगढ़— हमारे पोर्टल पर ग्राम पंचायत सीयाली के पूर्व सचिव बद्रीलाल भाबर जो कि वर्तमान में उदयगढ़ ग्राम पंचायत में सचिव के पद पर कार्यरत है के काले कारनामों की लंबी सूची मय प्रमाण प्रकाशित कर जांच की मांग की गई थी । इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ संस्कृति जैन से फोन पर चर्चा करने के बाद उन्होंने मामले को दिखाने का आश्वासन भी दिया था । इसके बाद जनपद पंचायत उदयगढ़ के सीईओ पवन शाह ने 24 नवंबर 2020 को पत्र क्रमांक 2202 के माध्यम से सियाली के वर्तमान सचिव सावलसिंह मौर्य को ग्राम पंचायत की केश बुक, व्हाउचस फाइल सहित समस्त दस्तावेज दिनांक 26 नवंबर 2020 तक पंचायत शाखा में जमा कर पावती लेने के आदेश जारी किए गए थे , साथ ही पत्र क्रमांक 2200 दिनांक 24 नवंबर 2020 द्वारा सियाली के वर्तमान प्रधान पा्गु पिता सामा एवं पूर्व सचिव बद्रीलाल भाबर को 508222/-रुपए नगद राशि आहरण कर उसके साक्षय प्रस्तुत करने तथा अपने कथन देने हेतु समक्ष में उपस्थित होने हेतु दिनांक 01 दिसंबर 2020 को प्रातः 11:00 बजे जनपद पंचायत उदयगढ़ में उपस्थित होने के निर्देशित किया गया था परंतु सियाली के प्रधान, सचिव एवं उदयगढ़ के वर्तमान सचिव ने ना तो पत्र का जवाब दिया और ना ही उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा । इससे यह सिद्ध हो रहा है कि प्रधान एवं सचिव जनपद सीईओ के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं तथा जिला पंचायत द्वारा दिए गए जांच के आदेश को भी अंगूठा दिखा रहे हैं। ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायतों की शासकीय राशि का दुरुपयोग लगातार जारी है । जनचर्चा है कि जानबूझकर जांच में देरी की जा रही है । कहीं यह मिलीभगत का परिणाम तो नहीं क्योंकि जिला पंचायत द्वारा पत्र क्रमांक 8237 दिनांक 24 अक्टूबर 2020 को जारी हुआ था और जनपद सीईओ ने एक माह बाद 24 नवंबर 2020 को सीयाली के प्रधान एवं सचिव को पत्र जारी किया । पत्र जारी करने में एक माह की देरी करने की वजह क्या रही । सचिव शासकीय मुलाजिम होने के बाद भी अपने अधिकारी के निर्देशों का पालन क्यों नहीं कर रहा है आखिर यह सब क्या उजागर कर रहा है। हमारे प्रतिनिधि को उदयगढ़ के वर्तमान सचिव ने ग्राम पंचायत पर फोन कर बुलावाकर मानहानि का दावा कोर्ट में लगाने एवं देख लेने की धमकी भी दी थी परंतु लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के प्रहरी होने के नाते हम अपनी जिम्मेदारी को बेखौफ बखूबी निभा रहे हैं । देखना है जिला प्रशासन कब तक अपने अधीनस्थ कर्मचारी एवं अधिकारीयों से जांच करवाकर दोषियों को दंडित करेगा या ऐसे ही पंचायत प्रतिनिधियों उपकृत करता रहेगा ताकि वे बेखौफ होकर शासकीय धनराशि पर अपना हक मानकर उसको डकारते रहेंगे । वैसे भी उदयगढ़ विकासखंड में ग्राम पंचायतों में बिना जीएसटी नंबर के बिल धड़ल्ले से लगाए जा कर भुगतान किऐ जाने के मामले समाचार पत्रों की सुर्खियों में आ रहे है । वैसे भी सीयाली के 17 लाख 66 हजार के आहरण की जांच को 2,73,000 में समेट लिया गया है । उदयगढ़ के कुल 5 सचिवो पर लाखों रुपए की हेराफेरी की जांच के आधार पर उन को निलंबित किया गया था जिनकी जांच पिछले 5 सालों से चल रही थी और यह सब सचिव निलंबित थे परंतु पूर्व जिला पंचायत सीईओ एस के मालवीय की कृपा से जांच को संस्थीत कर उन सभी को बहाल कर दूसरी पंचायतों में पदस्थ कर दिया गया। क्या यह होना चाहिए कि जिनके विरूद्ध जाच चल रही है और उन पर लाखों रुपए के गबन के आरोप को जांच पूरी होने से पहले ही बहाल कर दिया जाए । क्योंकि वैसे भी जांच 5 साल से चल रही थी और अभी तक पूरी नहीं हो पाई है । दुर्भाग्य है कि शासकीय राशि के गबन कर ली जाने के बाद केवल मूल राशि को किस्तों में बिना ब्याज के वसूला जाता है जिससे शासन को हानि होती है और पंचायतों के प्रतिनिधियों के हौसले बुलंद होते हैं । यदि शासकीय नियम ऐसा कहता है तो उदयगढ़ शिक्षा विभाग में करोड़ों रुपए के गबन के आरोपी एवं राजपत्रित अधिकारियों के भी बहाल होने की पूरी पूरी संभावना बनती है। क्योंकि उनकी भी जांच चलती रहेगी और अधिकारियों की कृपा दृष्टि से वह अन्य जगह ट्रांसफर कर दिए जाएंगे ।
उदयगढ़ के सीमेंट ,सरिया के एक व्यापारी जिनके पास गिट्टियां बेचने का ना तो कोई प्लांट है न हीं जीएसटी नंबर है वह भी ग्राम पंचायतों में बिल देकर अपने खाते में भुगतान ले रहे हैं के बारे में भी जानकारी मिली है जिसको बहुत जल्द ही सबूत सहित पर्दाफाश किया जाएगा । आने वाले समय में जल्द ही पंचायत चुनाव की आचार संहिता लगने वाली है और ऐसे में यदि जिला प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो जनता में जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उंगलियां उठने लगेगी एवं शासन की कल्याणकारी योजनाएं कागज में ही सिमट कर रह जाएगी। देखना है समाचार प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन कितने दिनो में सभी प्रकरणों की जांच करवा कर जनता के सामने सच्चाई लाएगा ।

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