कृषि अध्यादेश वापस लेने और किसानों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार के विरोध में भारतीय किसान यूनियन ने किया प्रदर्शन।
राहुल उपाध्याय कटनी। भारतीय किसान यूनियन अध्यक्ष द्वारा केंद्र सरकार द्वारा केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीन अध्यादेशो को वापस लेने सहित सभी कृषि उपजों एमएसपी खरीद गारंटी कानून बनाने व पंजाब हरियाणा के किसानों द्वारा आंदोलन करने पर उनके साथ हुए अमानवीय व्यवहार के विरोध में जिला किसान यूनियन इकाई द्वारा कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष जगदीश सिंह के मार्गदर्शन पर जिला अध्यक्ष सुधीर सिंह व यूनियन के पदाधिकारियों की उपस्थिति में किया गया। इस दौरान किसान पंचायत लगा कर कृषि पर केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन अध्यादेश को तत्काल वापस लेने की मांग की गई। उनकी मांगें नही मानने समूचे मप्र से किसानों की रैली दिल्ली में हो रहे किसान आंदोलन के लिए कूच करेंगे। किसान सभी उपजों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की गारंटी का कानून की मांग कर रहे है। इस कानून को लागू किया जाए वजाए किसानों पर वाटर कैनन आंसूगैस के गोले छोड़ने से अच्छा। कलेक्ट्रेड कार्यालय में हुए प्रदर्शन के दौरान किसान यूनियन के सुधीर सिंह रुहेल, गजेंद्र सिंह राठौर, चंद्रिका प्रसाद साहू, मोहन सिंह, जनरैल सिंह, आरपी पटेल, ब्रह्मदत्त पटेल, राम सजीवन पटेल, शिवकुमार पटेल, नरेंद्र पटेल, सोनू कुशवाहा, रामकुमार दाहिया,गोवर्धन सिंह, अनिरुद्ध सिंह, दीपक सिंह, ज्वाला सिंह, मनोहर पटेल, सुरेश पटेल सहित बड़ी संख्या में कृषक मौजूद रहे। *ये है कृषि विधयक जिसका हो रहा विरोध *पहला विधयक*- सरकारी मंडियों से बाहर व्यापारिक इलाके बनाने से संबंधित है पहला विधेयक । *दूसरा विधेयक *- आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 है। इसमें अनाज, दलहन, आलू ,प्याज और तेज समेत कुछ खाद्य पदार्थों को आवश्यक वस्तु की सूची से बाहर किया गया है।
तीसरा विधयक *- मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता विधेयक, 2020 तीसरा वो अध्यादेश है जो विवादों में है।
इस विधेयक में कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग (अनुबंध खेती) की व्यवस्था की गई है। इसके तहत किसान फसल से पहले ही सीधे व्यपारियों और खरीदारों के साथ सौदा कर सकेंगे। इसके लिए दोनों को एक लिखित समझौता करना होगा जिसमें कीमत से लेकर शर्तें तक सभी कुछ लिखा होगा।
सरकार का कहना है कि इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी।