प्रदेश में कमलनाथ सरकार बनाने के बाद आखिर ऐसा क्या होगा ? जाने

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पारस दादा का फिर बड़ा आरोप, रतलाम सीवरेज में 130 करोड़ का जमकर हुआ घोटाला
केंद्र सरकार अपना रही भ्रष्टाचार के नए-नए तरीके
रतलाम। शिरीष सकलेचा
 सीवरेज प्रोजेक्ट में डीपीआर बनाने वाली तथा प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंट का काम करने वाली , तथा 140 करोड का भुगतान प्राप्त करने वाली , वापकोस कम्पनी  के एमडी के घर छापे में 38 करोड़ नगद मिलने से सिद्ध होता है  , कि रतलाम सीवरेज में 130 करोड़ का जमकर घोटाला हुआ है । कमलनाथ सरकार बनने पर प्रदेश में सीवरेज घोटाले की  उच्चस्तरीय जांच की जाएगी । यह बात  प्रदेश कांग्रेस महासचिव तथा पूर्व विधायक पारस सकलेचा(दादा) ने कही ।
  सकलेचा ने जारी विज्ञप्ति में कहा की  वापकोस कंपनी के एमडी तथा उसके पुत्र  को सीबीआई ने दो दिन पहले गिरफ्तार किया और छापे में 38 करोड नगद और कई बहुमूल्य सामग्री प्राप्त हुई है ।  वाप्कोस 100% केन्द्र शासन की  कंपनी है । तथा मोदी जी की नवरत्न कंपनी के रूप में जानी जाती है ।
केन्द्र शासन ने भ्रष्टाचार करने का नया तरीका विकसित  किया है । केन्द्र से किसी योजना मे जो पैसा राज्य शासन को दिया जाता है, उस योजना का सारा काम केन्द्र शासन की इन कंपनियों द्वारा बिना टेंडर के 2 से 3 गुना दर पर ले लिया जाता  है ।इसी पैटर्न पर रतलाम में एलईडी लाइट लगाने का काम केंद्र शासन की कंपनी इइएसएल ने बिना टेंडर के लिया और लगभग 18 करोड का भ्रष्टाचार किया  ।
राज्य शासन ने नवंबर 2022 में वाप्कोस कंपनी को सीवरेज के काम में गंभीर अनियमितता करने पर अमृत दो योजना से बाहर कर दिया था । इसी वर्ष में हाउसिंग बोर्ड, इंदौर ने वाप्कोस को ब्लैक लिस्ट करने का नोटिस जारी किया था । 3 साल पहले अर्बन डेवलपमेंट ने कुछ शहरों में सीवरेज प्रोडक्ट में काफी गड़बड़ी करने पर वाप्कोस को ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही की थी । लेकिन इसके बाद भी वाप्कोस का काम जारी रहा और इसके खिलाफ कोई जांच नहीं बिठाई गई और कोई प्रकरण भी दर्ज नहीं किया गया । सुनने मे आया है कि इस कंपनी को अमृत दो योजना में शामिल भी कर लिया गया है । शिव “राज” की वाप्कोस पर मेहरबानी लुट की भागीदारी पर मोहर लगाती है ।
रतलाम सीवरेज की डीपीआर वाप्कोस कंपनी द्वारा  बनाई गई थी तथा प्रोजेक्ट के प्रबंधन तथा डेवलपमेंट का कार्य देखने की जिम्मेदारी भी इस कंपनी को दी गई थी । रतलाम में सीवरेज का प्रोजेक्ट 121 करोड मे टेंडर स्वीकृत हुआ था , जिसे बाद में बढ़ाकर साधिकार समिति द्वारा 141 करोड़ का कर दिया गया और मकानों की संख्या 53270 से घटाकर 43270 कर दी गई । लेकिन वाप्कोस  को मात्र 27000 मकान को सीवर लाइन से जोड़ने पर  पूरा भुगतान कर दिया गया ।
सकलेचा ने कहा कि वाप्कोस कंपनी द्वारा प्रदेश में अमृत मिशन 1 के सीवरेज प्रोजेक्ट में कम से कम 3000 करोड़ का घोटाला किया गया । तथा फिलहाल यह कंपनी देश में हजारों करोड़ के प्रोजेक्ट हथिया कर न जाने कितने हजारो करोड का भ्रष्टाचार कर रही है । उन्होंने कहा कि  इस कंपनी द्वारा प्रदेश में किए गए घोटाले पर प्रकरण दर्ज होना चाहिए।

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