30 साल में जो काम कोई जनप्रतिनिधि नहीं कर सका, वह किस कलेक्टर ने कर दिखाया ? जाने
जो काम जनप्रतिनिधि 30 साल में नहीं करा पाए वह काम कलेक्टर ने चंद दिनों में कर दिखाया
34 घरों में मनी खुशियों की दिवाली, कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी की हो रही वाहवाही
रतलाम । शिरीष सकलेचा
रतलाम कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी अपनी कार्यशैली से दिन प्रतिदिन एक अलग ही छाप छोड़ते हुए बरसों पुराने मामलों को चंद दिनों में अमलीजामा पहनाते हुए पीड़ित लोगों को राहत दिलाना में मददगार साबित हो रहे हैं ऐसे में जिन लोगों को बरसों से उनका हक नहीं मिल रहा था ऐसे लोगों पर चेहरों पर खुशी का कोई ठिकाना नहीं है शनिवार को रतलाम में 30 साल से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे 34 लोगों को कलेक्टर ने एक पल में राहत दिला कर उन्हें उनका हक दिला दिया जिससे इन 34 लोगों के चेहरों पर मुस्कुराहट लौट आई। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्लॉट खरीदने के बाद कब्जे के लिए 30 साल से परेशान हो रहे हैं 34 लोगों को शनिवार को कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी की मौजूदगी में कब्जा दिलाया गया सूरजमल जैन कॉलोनी के पास की भूमि पर बेचे गए प्लाट पर कब्जा नहीं मिलने की शिकायत प्रशासन को मिली थी । कब्जा मिलने के बाद लोग खुश हो गए और कालोनी का नाम भी मामाजी कालोनी रखने की घोषणा कर दी करीब 5बीघा की कुल मूल्य लगभग 25 करोड़ बताए जा रही है कार्यवाही के दौरान कलेक्टर के साथ एसडीएम व प्रशासनिक अमला मौजूद रहा बताया जाता है कि पीड़ितों द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर शिकायत व आवेदन दिए गए थे कलेक्टर के निर्देश पर शनिवार को राजस्व अमले द्वारा भूखंड की विस्तृत छानबीन करके उनके वास्तविक खरीदारों को भूखंड पर कब्जा दिलाया गया वर्ष 1994 से लेकर उसके बाद तक की अवधि में एहसान मुकाती द्वारा विभिन्न खरीददारों को भूखंड बेचे गए लेकिन कब्जा नहीं दिया जा रहा था। यहां चोकाने वाली बात यह सामने आई कि कृषि उपज मंडी के पीछे सूरजमल जैन कॉलोनी के समीप व आसपास के इलाकों में कृषि भूमि पर ही अवैध रूप से प्लाट काटकर बेचे गए हैं । भू माफियाओं ने रजिस्ट्री तो करा दी लेकिन चालाकी ऐसी चली कि चतुरसीमा स्पष्ट नहीं की और कुछ रजिस्ट्री में तो चतुर सीमा में विक्रेता की शेष भूमि होना ही बता दिया है । जब भूखंड धारक कब्जा लेने गए तो इसे ही आधार बताकर असमंजस की स्थिति पैदा क कब्जा नहीं दिया गया गत दिनों भूमि कब्जा विवाद शिविर लगाकर आवेदन लिए थे जिसमें 300 लोगों ने पहले ही आवेदन दिए थे। प्रशासकीय स्तर पर इसकी जांच कर कलेक्टर साहब द्वारा त्वरित कार्यवाही की गई। बताया जाता है कि सीएम ने भी इस मामले में काफी दिलचस्पी लेते हुए कलेक्टर की होसला अफ़जा की । रतलाम कलेक्टर साहब ने 30 साल से अटकी फाइल को अमलीजामा पहनाकर 34 भुखण्ड धारकों के घरों में खुशियों की दीवाली मनवा दी। बुलडोजर मैन कलेक्टर लगता है कई लोगों के लिए मसीहा बनकर आए हैं । क्योंकि जो काम जनप्रतिनिधि नहीं कर पाए वह काम कलेक्टर ने अपने अंदाज में कर दिखाए हैं इसके पहले भी कई भू माफियाओं को ठिकाने लगाने का काम रतलाम कलेक्टर ने किया है। इस मामले को लेकर खुशी हमने कलेक्टर की प्रशंसा करते हुए उन्हें बधाई दी है इसके पहले भी सीएम कई मामलों में रतलाम कलेक्टर की सफलता को लेकर उनकी प्रशंसा कर चुके हैं।