कोयला डस्ट से किसानो की फसल हुई काली, जमीन को बंजर बना रही डस्ट, जिले बड़वारा तहसील में किसानों ने बताया दर्द।

राहुल उपाध्याय कटनी। जिले की बड़वारा तहसील में संचालित कोयला प्लांट और क्रेसर खदानों ने उड़ने वाली डस्ट के कारण रूपौध व इसके आसपास लगे गाँवो के किसानों को उनकी उपजाऊ कृषि भूमि के बंजर होने की चिंता सता रही है। जिसे किसानों ने अपना खून-पसीना बहा कर उपजाऊ बनाया था। बड़वारा रेलवे स्टेशन के पास बछड़वारा, रुपौध, सहित आसपास के गाँव में इन दिनों धान की कटाई की जा रही लेकिन लागत के अनुसार किसानों को खेती में लगातार घाटा लग रहा है। दोनो कृषि माहो में उन्हें सिर्फ नुकसान ही झेलना पड़ रहा है। जिसका कारण है यहां संचालित कोयला व क्रेशर प्लांट से निकलने वाली महीन डस्ट जो ना सिर्फ किसानों के खेत बंजर करती जा रही है बल्की क्षेत्र के लोगो को बीमार भी कर रही है। -शिकायत भी की लेकिन नतीजा सिफर। क्षेत्र की महिला कृषक जानकी चौहान ने बताया कि डस्ट के कारण लोग बीमार हो रहे है। वही उनकी धान फसल पर आधे हिस्से में बारीक धूल की डस्ट जमी हुई है। हम किसानों बात शासन -प्रशासन कोई सुनने को तैयार नही यही हाल रहा तो क्षेत्र के अधिकांश किसानों को खेती करना बंद करना पड़ेगा। उनकी उपजाऊ भूमि इस डस्ट बंजर होने की कगार पर पहुँच चुकी है। -स्कूली बच्चों को होती है परेशानी। बड़वारा से रुपौध व बचरवारा मार्ग से गुजरने वाले हाइवा और कोयला लोड ट्रकों का दिन-रात आवागमन होता है। इसी मार्ग से स्कूली बच्चों का आवागमन भी होता है जिनकी यूनिफार्म डस्ट के कारण खराब होती है इसके साथ ही सड़क में गढ्ढो के कारण आए दिन स्कूली छात्र दुर्घटना का शिकार होते है। वही एक प्राथमिक स्कूल भी संचालित यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राए कक्षा के अंदर डस्ट आने के कारण परेशान होते व आए दिन बीमार होते है। लेकिन इसके बाद भी कोई प्रयास अब तक नियमो की ताक पर चल रहे क्रेसर खदानों और कोयला प्लांटों पर कोई नही होती।
