बीच महानदी से आवागमन करने को विवश ग्रामीण, हर समय जोखिम में रहती है जान जान जोखिम में डालकर नदी से सफर, सड़क, बिजली, पानी की समस्या से जूझ रहे ऊमरपानी के ग्रामीण।

राहुल उपाध्याय कटनी। ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम ऊमरपानी के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के लिए कई वर्षों से विकास के सपने संजोए हुए है लेकिन विकास के नाम पर उन्हें सिर्फ आश्वासन अलावा बीते 10 वर्षो में कुछ नही मिला। ग्रामवासी अब्दुल कादिर खान ने बताया कि तकरीबन 10 वर्षों से ग्राम की नल जल योजना बंद पड़ी है। ग्राम पंचायत और विभाग से कई बार समस्या निराकरण कराने के लिए चर्चा की गई, लेकिन जिम्मेदारों के द्वारा इस गंभीर समस्या की पर ध्यान नहीं दिया गया। पूरे गांव में दो हैंडपंप हैं। एक हैंडपंप में पानी की कमी के कारण लाभ नहीं मिल पाता। दूसरा हैंडपंप स्कूल के अंदर लगा हुआ है। स्कूल बंद होने के कारण स्कूल में लगे हैंडपंप का लाभ मिलना मुश्किल है। अब्दुल खान, बुद्धसेन यादव, मिलाप सिंह, सोहेल खान, नियाज खान, शाहिद खान, दुलारे यादव, मुकेश यादव, होशियार सिंह, प्रतिपाल सिंह, रियाज खान, भैया लाल चौधरी, देवेंद्र यादव, आजाद खान, खालिक खान, अनीश खान, जेबुन्निसा इसराइल खान, सिकंदर खान ने बताया कि मुख्य मार्ग से गांव तक 2 किलोमीटर सड़क खस्ताहाल है। 
ग्रामीणों ने गांव तक अच्छी सड़क बनवाने के लिए पंचायत से लेकर जिले तक के अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया, लेकिन अच्छी सड़क की सौगात नहीं मिल सकी। ग्रामवासी खस्ताहाल सड़क में आवागमन करने मजबूर हैं। गांव में उमरिया जिले से विद्युत व्यवस्था है, जबकि क्षेत्र सिलौड़ी फीडर में आता है। उमरिया जिले से विद्युत व्यवस्था होने के कारण पेट्रोलिंग का कार्य विभाग के द्वारा नहीं करवाया जाता। आए दिन गांव में विद्युत समस्या बनी रहती है, जिसका सुधार कार्य ग्राम वासी स्वयं करते हैं।
ग्राम-ऊमरपानी
आबादी-700
ग्राम पंचायत दादर सिहुड़ी
तहसील-ढीमरखेड़ा
जिला-कटनी

किसान भी हैं परेशन
सरकार के द्वारा खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए उन्नत खेती की जो सलाह दी जा रही है, उसे किसानों ने अपना कर मेहनत और लागत लगाकर खेती करना चालू किया है, लेकिन हैरत की बात है कि उन्नत खेती के लिए सबसे पहले मृदा परीक्षण आवश्यक है, जबकि क्षेत्र में मृदा प्रयोगशाला बनने के बावजूद तकरीबन 3 वर्ष बीत गए हैं और मृदा प्रयोगशाला का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा। क्षेत्र में रोजगार के साधन ना होने के कारण ग्रामवासी दूसरे प्रदेश जाकर जीवन यापन करने के लिए मजबूर हैं। ऊमरपानी गांव की ग्राम पंचायत दादर सिहुडी से दूरी 10 किलोमीटर होने के कारण ग्राम पंचायत के द्वारा भी विकास योजनाओं के लिए ग्रामीणों को वंचित रहना पड़ता हैl

अब तक नहीं बना पुल
वर्ष 2016 से स्वीकृत ब्रिज का निर्माण नहीं हो रहा है। ऊमरपानी गांव ग्राम के पास महानदी में ब्रिज का निर्माण होना था, मुख्यमंत्री घोषणा और स्वीकृति मिलने के बाद विभाग के द्वारा बोरिंग करवा कर टेस्टिंग का कार्य किया गया था, तकरीबन 2 वर्षों से बोरिंग के अलावा विभाग ने कुछ भी नहीं किया ब्रिज ना बनने के कारण ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं। उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि यहां से उमरिया जिला 40 किलोमीटर, डिण्डोरी 70 किलोमीटर, जबलपुर 40 किलोमीटर और कटनी जिले की सीमा है। ग्राम वासियों ने गंभीर समस्याओं को लेकर शासन-प्रशासन से समस्या निराकरण कराने मांग की है।
इनका कहना है
गांव की नलजल योजना क्यों बंद है इसे दिखवाया जाएगा। बिजली समस्या का भी समाधान कराया जाएगा। ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान कराने हर सम्भव प्रयास किया जाएगा।
जगदीशचंद्र गोमे, जिपं सीइओ

बीच महानदी से आवागमन करने को विवश ग्रामीण, हर समय जोखिम में रहती है जान
जान जोखिम में डालकर नदी से सफर, सड़क, बिजली, पानी की समस्या से जूझ रहे ऊमरपानी के ग्रामीण

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