किस दर पर होगी खरीदी — गेहूं 1925 रुपये चना 4875 रुपये मसूर 4800 रुपये सरसों 4425 रुपये (भाव प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य)
भूमिका भास्कर संवाददाता भोपाल – किसानों की चिंता को देखते हुए शिवराज सरकार ने 15 अप्रैल से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी शुरू करने का फैसला किया है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन के शहरी क्षेत्रों में खरीदी नहीं होगी। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए हैं कि खरीदी में शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
एसएमएस के जरिए संदेश देकर किसानों को बुलाया जाएगा। किसी भी सूरत में खरीदी केंद्रों पर भीड़ जमा नहीं होने दी जाएगी। खरीदी के साथ-साथ परिवहन की व्यवस्था चलेगी। 31 मई तक खरीदी पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। गेहूं के साथ चना, मसूर और सरसों भी खरीदा जाएगा। किसानों को उपज का भुगतान ऑनलाइन होगा। खरीदी लगभग चार हजार केंद्रों पर होगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में सोमवार को गेहूं खरीदी की तैयारियों को लेकर खाद्य, नागरिक आपूर्ति, सहकारिता और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 14 अप्रैल को लॉकडाउन खुलना संभावित है। इसके बाद 15 अप्रैल से रबी फसलों का उपार्जन शुरू किया जाएगा जो 31 मई तक चलेगा। समय कम है, इसलिए मिशन मोड में खरीदी से जुड़ी तमाम व्यवस्थाएं करें। इसके लिए जितने अमले की जरूरत हो, कलेक्टरों से समन्वय करके उनकी ड्यूटी लगाई जाए।बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी समितियां, तुलावटी और हम्माल का पूरा इंतजाम रखें। परिवहन के लिए व्यवस्था चाक-चौबंद रहे। किसान तभी खरीदी केंद्रों पर जाएं, जब उन्हें एसएमएस मिले। भीड़ न लगे और शारीरिक रूप से दूरी का विशेष ध्यान रखा जाएगा। सैनिटाइजर रखा जाएगा। किसानों के बीच यह सूचना पहुंचाई जाए कि उनका एक-एक दाना खरीदा जाएगा, इसलिए उतावलापन न दिखाएं। अपनी बारी का इंतजार करें। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे। 110 लाख मीट्रिक टन खरीदी की उम्मीद बैठक में बताया गया कि इस बार 100 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 10 लाख मीट्रिक टन चना, मसूर और सरसों की खरीदी हो सकती है। परिवहन को लेकर पिछली बार बहुत समस्या आई थी, इस बार ऐसा न हो। इसके लिए पुराने परिवहनकर्ता, जिनका रिकॉर्ड खराब हो, उन्हें इस बार काम पर न लगाया जाए।प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि जूट के बोरों की अनुपलब्धता के कारण इस बार प्लास्टिक बैग में खरीदी का काम किया जाएगा। हमारे पास 64 लाख मीट्रिक टन अनाज रखने के लिए बैग उपलब्ध हैं। साइलो केंद्रों में नौ लाख मीट्रिक टन खरीदी की क्षमता है। पीपी बैग्स खरीदने के आदेश दिए जा चुके हैं। इस बार खरीदी केंद्र तीन हजार 813 किए गए हैं, जो पिछले साल तीन हजार 545 थे। नए केंद्र भी बनाए जा रहे हैं। इन्हें मिलाकर खरीदी केंद्रों की संख्या चार हजार हो जाएगी।