समर्थन मूल्य पर मूंग की तुलाई में अनियमितताएं।

रिपोर्टर राजपाल यादव बनखेडी जिला होशंगाबाद

समर्थन मूल्य पर मूंग की तुलाई हुई विकराल यही कठिन परिणाम, कथित तीन कानूनों में जो कांटेक्ट फॉर्मिंग है उसका जीता जागता उदाहरण मध्य प्रदेश के किसानों को देखने मिल रहा है मध्य प्रदेश की किसी भी कृषि उपज मंडी जो सरकार के द्वारा स्थापित हैं मैं तुलाई नहीं की जाएगी सख्त निर्देश शासन के, वही कारपोरेट जगत को लाभ पहुंचाने हेतु कारपोरेट जगत के नियमों के विरुद्ध वेयरहाउस में तुलाई केंद्र स्थापित करना एवं उसमें मानक एवं मापदंडों का अड़ंगा लगाकर चींटी की चाल तुलाई जबकि अभी मौसम भी खुला है पानी गिरने के बाद s.m.s. की बाढ़ आएगी f1u मानक बना किसानों का सिर दर्द 80% मूंग के बहुमत को सरकार नहीं मानती जबकि सरकार खुद बहुमत से बनती है कटाई के टाइम पानी गिरने से मूंग थोड़ी डिस कलर हुई है अगर किसान कहने लगे कि यह कर्मचारी अधिकारी कुछ डिस कलर है इन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया जाए तब कैसा लगेगा सरकार को वही हाल किसान की मूंग कैंसिल करने पर किसान को लगता है समय रहते अगर मूंग की तुलाई नहीं हुई तो मध्य प्रदेश का किसान बर्बादी की ओर चला जाएगा पंखा छन्ना लगा कर किसान बहुत परेशान हैं 1 दिन में 25 s.m.s. आती है जिसमें बमुश्किल एकाध किसान की मूंग पास हो पाती है बाकी सभी सैंपल फेल हो जाते हैं इस स्थिति में इस बखेड़ा में किसान बहुत गमगीन है सैकड़ों फोन आते हैं, आप कुछ करवाएं क्या हमारी पुकार कोई सुनेगा।

किसान जितेंद्र भार्गव ने बताया मध्यप्रदेश का किसान केवल मूंग फ़सल में दिन दहाड़े अरबों के नुक़सान में सरकार की ग़लत नीतियों के कारण है।

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