आखिर क्यों निराशा हाथ लगी विधायक चावला समर्थकों को ,जाने।

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क्या करेंगे अब फरार विधायक—-
मनोज चावला की अग्रिम जमानत याचिका हुई खारिज ,फिर लगी निराशा हाथ रतलाम(ब्यूरो)शिरीष सकलेचा
10 नवंबर को आलोट के सरकारी गोदाम से किसानों को यूरिया खाद लुटाने वाले आलोट क्षेत्र के विधायक मनोज चावला को आखिरकार जबलपुर हाईकोर्ट से भी जमानत नहीं मिल पाई है। अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर डाला है कि विधायक पब्लिक लीडर होते हैं उन्हें किसानों की समस्या हल करवाने के लिए शासन स्तर पर बात करना चाहिए थी। कानून का सहारा लेना चाहिए लेकिन आश्चर्यजनक है कि विधायक जैसे जवाबदार व्यक्ति ने इस अधिकार का दुरुपयोग किया, यही नही विधायक ने किसानों को लूट के लिए उकसाया एवं कानून को हाथ में लिया। ऐसे में यह कोर्ट आंखें बंद करके इन्हें अग्रिम जमानत की राहत नहीं दे सकती है।अतः अग्रिम जमानत अर्जी खरीद की जाती है।
बता दे विधायक चावला दो महीनों से फरारी काट रहे हैं उन्होंने पूर्व में इंदौर जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दायर की थी लेकिन वह खारिज हो गई। इस बीच आलोट पुलिस ने उन्हें फरार घोषित करते हुए संपत्ति कुर्की की अर्जी इंदौर कोर्ट में लगा दी। इस मौके पर कोर्ट ने चावला को निर्देश दिए थे कि वह पुलिस की अर्जी के जवाब में अपना पक्ष रखने 23 जनवरी को पेश हो जाए ।पुलिस के मुताबिक 23 जनवरी को विधायक पेश नहीं होते हैं तो कोर्ट संपत्ति कुर्की की कार्रवाई करेगी।
इधर विधायक चावला के वकीलों ने अग्रिम जमानत के लिए एक और प्रयास करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट में अर्जेंट हियरदायर की थी हाईकोर्ट ने सुनवाई को इंदौर जिला कांग्रेस विधायकों ने हाईकोर्ट में अर्जेंट हियरिंग एप्लीकेशन लगाई। कोर्ट ने अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है । अब चावला के पास कोर्ट में सरेंडर के अलावा कोई विकल्प नहीं दिखाई दे रहा है। चावला के परिजनों व उनके समर्थकों पर भरोसा था कि उनकी अग्रिम जमानत याचिका मंजूर हो जाएगी लेकिन उन्हें इस याचिका के खारिज होने से एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। अब देखना है चावला क्या कदम उठाते हैं? बरहाल अभी विपक्ष युवा कांग्रेस के उनके विरोधी नेता इस मामले पर पूरी निगाह लगाकर बैठे हैं।

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