नान प्रबंधक द्वारा धान रिजेक्ट करने से बिफरे किसान, नेशनल हाइवे किया जाम,कलेक्टर एसबी सिंह को मुख्यमंत्री ने लगाई जमकर फटकार

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राहुल उपाध्याय कटनी। बुधवार दोपहर उस समय पुलिस-प्रशासन में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई जब परेशान किसानों ने हाइवे कटनी-मैहर मार्ग में चक्काजाम कर दिया। कैलवारा कला धान खरीदी केंद्र विकास वेयरहाउस लमतरा इंडस्ट्रीज एरिया में बनाया गया है। किसानों ने कहा कि यहां पर सर्वेयर व नान प्रबंधक पीयूष माली द्वारा धान रिजेक्ट किए जाने से वे भड़क उठे और नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। कटनी-मैहर मार्ग, जबलपुर मार्ग, कैमोर-शहडोल मार्ग जाम हो गया। कई किलोमीटर तक वाहनों की कतार लग गई। किसानों ने अव्यवस्था के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सूचना मिलते ही आनन-फानन में पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। नायब तहसीलदार रविंद्र पटेल और कुठला थाने से एसआइ रमेश कौरव ने किसानों को समझाइश दी। समझाइश के बाद किसान माने और चक्काजाम रद्द किया। नायब तहसीलदार रविंद्र पटेल किसानों के साथ वेयरहाउस पहुंचे। वहां पर देखा तो धान की गुणवत्ता सही थी। खाद्य अधिकारियों को मौके पर बुलाकर जांच कराई। सहायक आपूर्ति अधिकारी रविकांत ठाकुर, कनिष्ट आपूर्ति आधिकारी आरके पटेल पहुंचे और मामले को शांत कराया व खरीदी चालू कराई। किसानों ने कहा कि यदि इस तरह की मनमानी जारी रही और उनके हितों को ध्यान में नहीं रखा गया तो धान को नेशनल हाईवे में फेंक दिया जाएगा। बता दें कि जिलेभर में सर्वेयरों की मनमानी व अधिकारियों की बेपरवाही से किसान परेशान हैं। किसान धर्मेंश पटेल, कोदूलाल साहू, गुड्डू द्विवेदी, सुशील तिवारी, रामकृपाल पटेल, ज्ञानी राय, बत्तो बाई पटेल, संध्या पाटकर, रमेश पाटकर, अशोक पटेल आदि ने बताया कि किसानों को लगातार परेशान किया जा रहा है। सुबह सर्वेयर व अधिकारी धान रिजेक्ट करते हैं फिर उसे पास कर देते हैं, यह खेल समझ के परे है।
इसलिए भड़के किसान
जानकारी के अनुसार विकास वेयर हाउस में खरीदी चल रही थी। 10 किसानों के लगे हुए थे, जिनकी जांच सर्वेयर रत्नेश अहिरवार द्वारा की गई। 10 किसानों की धान को खरीदी के लिए पास किया गया। नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक पीयूष माली वेयर हाउस पहुंचे और 9 ढेर को रिजेक्ट कर दिया, जिससे बाद किसान भड़क उठे और जमकर नारेबाजी की। काफी देर तक किसान अधिकारियों से सुनवाई की मांग करते रहे जब किसी ने नहीं सुना तो विरोध प्रदर्शन के लिए बाध्य हुए।
पुलिस व अधिकारियों की समझाइश पर माने
किसान चाका बाइपास को सीढिय़ों, बेरीकेट्स आदि से न सिर्फ जाम कर दिया बल्कि सड़क पर ही खड़े होकर व बैठकर नारेबाजी करने लगे और जिला प्रबंधक नान पीयूष माली की मनमानी पर रोक लगाने मांग की। समय पर धान की तौल कराते हुए भुगतान कराए जाने की मांग रखी। किसानों ने कहा कि रबी बोवनी और कर्ज चुकाने के लिए रुपयों की नितांत आवश्यकता है और केंद्रों में तौल नहीं हो रही।
सीएम की नाराजगी पड़ी भारी, कलेक्टर को हटाया
धान रिजेक्ट किए जाने के बाद परेशान किसानों ने जब चक्काजाम कर दिया तो इसकी भनक सीएम शिवराज सिंह चौहान को लगी। उन्होंने दोपहर में वीडियो कान्फ्रेंसिंग में मामले की जानकारी ली और कलेक्टर एसबी सिंह को जमकर फटकार लगाई। शाम को कलेक्टर को हटा दिया है। बता दें कि पिछले एक पखवाड़े से जिले का किसान भारी परेशान था। कई केंद्रों में खरीदी बंद थी और कलेक्टर इस मामले में कोई विशेष रुचि भी नहीं ले रहे थे और समस्याएं बढ़ती जा रही थीं। किसानों के उपज की न तो समय पर खरीदी हो पा रही थी और ना ही भुगतान। किसानों की समस्या पर सीएम की नाराजगी कलेक्टर पर भारी पड़ी।
