रतलाम के सेठ ने प्रदेश के मुखिया से आखिर ऐसी क्या चर्चा की ? जाने

IMG_20230508_115807.jpg

 

जनहित के मुद्दों को लेकर पूर्व गृहमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल के साथ मुख्यमंत्री से की मुलाक़ात की

  1. जावरा के नेताओं का  सीएम के सामने झलका  दर्द

रतलाम । शिरीष सकलेचा

रतलाम शहर के जन हित के कई मुद्दों और आमजन से जुड़ी समस्याओं को लेकर पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी(सेठ ) केे नेेतृत्व में एक प्रतिनिधि मण्डल भोपाल में मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान से मिला । प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं ने सेठ के साथ जावरा प्रीमियर आयल मिल   व  कॉलोनियों  आदि मुद्दे को लेकर  अपनी मन की पीड़ा रखी जिसको सीएम ने बड़े ध्यान से सुना व चर्चा है कि उसके बाद उन्होंने विधायक डॉ  राजेंद्र पांडे से चर्चा भी की।

इस मुलाक़ात में प्रतिनिधिमंडल ने विभाजित भूखंडों के नामांतरण एवं निर्माण स्वीकृति , एवम भूमि नामांतरण के मामले में १९५६-५७ के रिकॉर्ड की अनिवार्यता को समाप्त करने, कनेरी डेम के जल की रतलाम के लिए उपयोगिता एवम सुभाष नगर एवम सागोद ओवर ब्रिज शीघ्र पूर्ण करने पर विस्तार से चर्चा की । मुख्यमंत्री जी ने सभी मुद्दों को हल करने हेतु तत्काल मुख्यमंत्री निवास के संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये ।

श्री कोठारी एवम प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री जी को बताया की रतलाम में नगर सुधार न्यास या अन्य अर्द्धशासकीय संस्थाओं द्वारा आवंटित भूखंडों के विभाजित टुकड़ों का पंजीयन तो हो रहा है लेकिन नगर निगम द्वारा उस पर नामांतरण और निर्माण की अनुमति नहीं दी जा रही है जिससे छोटे और मध्यम वर्गीय आम जन बहुत परेशान हो रहे है, शीघ्र ही इस समस्या के निराकरण का निवेदन किया ।
रतलाम में पाँच बिस्वा भूमि को अवैध घोषित किए जाने के प्रशासन के फ़ैसले पर प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि की यह निर्णय परेशानी का सबब बन गया है । सरकार स्वयं दो बिस्वा के पंजीयन को वैध बता रही है और रतलाम ज़िला प्रशासन ने पाँच बिस्वा भूमि को अवैध की श्रेणी में डाल दिया हे ।

प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि रतलाम ज़िला प्रशासन द्वारा एन ओ सी तथा निर्माण स्वीकृति आदि में 1956 – 57 से 62 के राजस्व रिकॉर्ड की अनिवार्यता की गई है जो कि व्यावहारिक नहीं होकर विसंगति पूर्ण है और यह नियम पूरे प्रदेश में भी केवल रतलाम जिले में ही लागू हे । 1956 – 57 से 62 का पूर्ण राजस्व रिकॉर्ड स्वयं जिला प्रशासन के पास भी उपलब्ध नहीं हे और बंदोबस्त के दौरान जानकारी के अभाव में अधिकतर भूमि या भवन स्वामी अपना नाम इंद्राज नहीं करवा पाए थे ।
सन 1956 57 से 62 तक के रिकॉर्ड के अभाव कई नामांतरण खारिज किए गए है जिससे जिले भर के किसान , एवम नागरिक परेशान हो रहे हे, इस बात पर भी प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री जी का ध्यान आकर्षित किया ।
श्री कोठारी ने दो वर्ष से लबालब भरे कनेरी डेम के पानी का उपयोग से उद्योग जगत और रतलाम की पेयजल की समस्या को दूर करने हेतु सुझाव देते हुए कहा कि बहुत ही कम लागत में रतलाम शहर की पानी की समस्या से निजात दिलाया जा सकता है ।
श्री कोठारी ने कई जनहित के मुद्दों पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए आम जनता को राहत प्रदान करने का निवेदन किया ।
मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को इन समस्या को हल करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिये ।
श्री कोठारी के साथ भोपाल गये प्रतिनिधि मण्डल में ज़िला सहकारी बैंक अध्यक्ष अशोक चौटाला, पूर्व निगम अध्यक्ष दिनेश पोरवाल, पिछड़ा मोर्चा महामंत्री दिनेश राठौर , पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष राजेश जैन, राजेश चौहान, विपुल मेहता, पूर्व जिला महामंत्री चंद्र प्रकाश औसतवाल , नगर पालिका जावरा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अशोक सेठिया, सर्राफ़ा एसोसिएशन जावरा के अध्यक्ष प्रकाश कोठारी, ओम प्रकाश जैन शामिल थे ।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Don`t copy text!