जेंडर आधारित हिंसा परियोजना के तहत प्रशिक्षण का आयोजन।
भूमिका भास्कर न्यूज छतरपुर
छतरपुर जिले में संचालित परियोजना “जेंडर आधारित हिंसा” को कम कर महिला हितेषी पंचायत बनाना है। यह परियोजना समर्थन सेंटर फॉर डेवलपमेंट संस्था और यूएनएफपीए के वित्तपोषण से संचालित है।
आज भी महिला हिंसा से जुड़े मामले में पंचायत की भूमिका और महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था का एक बड़ा सवाल है।जिस पर हम सबको चिंतन करने की आवश्यकता है।
इस कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य महिला हिंसा से जुड़े मामलों के निराकरण में ग्राम पंचायत समन्वय समिति की संभावित भूमिका के बारे में जानकारी प्रदान करना। पंचायती राज अधिनियम में महिला हिंसा की रोकथाम हेतु कानूनी प्रावधान से अवगत कराना। घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005, संरक्षण का आदेश निवास का आदेश, अभीरक्षा का आदेश, आर्थिक सहायता का आदेश, निशुल्क वकील सहायता के आयाम अधिकार महिलाओं को प्राप्त है।पंचायत में महिला सुरक्षित पंचायत के कुछ संकेतांक हैं जिस पर समझ बनाना अति आवश्यक है।
घरेलू हिंसा से मुक्त दर एवं असंकाओं वाले रास्तों की निगरानी, सुरक्षित कार्यस्थल, सुरक्षित सार्वजनिक स्थान, बालिकाओं का सुरक्षित एवं किसी डर से स्कूल ना जाना, प्रथाओं का उन्मूलन दहेज बाल विवाह आदि, गांव के प्रमुख रास्तों पर प्रकाश की व्यवस्था, हर घर में शौचालय होना अति आवश्यक है।
इन विषयों पर ग्राम सभा में चर्चा हो पंचायत ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आगे आए और समस्याओं की पहचान करें इसके बाद उस पर निराकरण करें। इसके लिए पंचायत को सेफ्टी ऑडिट करना बहुत जरूरी है इससे हम हिंसा वाले संभावित स्थानीय डर वाले स्थानों की मैपिंग कर इन घटनाओं को हम रोक सकते हैं।
वेबीनार में बताया कि हिंसा पीड़ित महिलाओं के सहयोग हेतु यह संस्थाएं संचालित है, जिस पर महिला सहयोग प्राप्त कर सकती है। वन स्टॉप सेंटर छतरपुर-फोन नंबर 07682244250
महिला हेल्पलाइन 24 x7 हिंसा पीड़ित महिला हेल्पलाइन नंबर-1098, सीएम हेल्पलाइन-181 नंबर एवं 100 डायल, परिवार परामर्श केंद्र,पारिवारिक विवादों मतभेदों में सुलह कराने हेतु रेफरल एवं पुनर्वास सेवा मुक्त सहायता की जाती है, जिला विधिक सहायता केंद्र अल्प बास आश्रय ग्रह,उमंग हेल्पलाइन नंबर-14425, संरक्षण अधिकारी, पुलिस फिर भी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
जिसमें प्रमुख रुप से जिले के 8 विकासखंड के 45 ग्राम पंचायतों से जनप्रतिनिधि एवं कर्मचारी शामिल रहे।
आज के वेबीनार में प्रशिक्षक की भूमिका में ज्ञानेंद्र तिवारी, विनोद चौधरी, पल्लवी शर्मा और प्रवीण सिंह रहे।
राज्य स्तर से श्रद्धा कुमार एवं पंकज पांडे का मार्गदर्शन मिला।
श्रद्धा कुमार ने बुंदेलखंड के परिपेक्ष में महिलाओं की वर्तमान स्थिति और क्षेत्र की जमीनी हकीकत और सरकारी आंकड़ों को सामने रखते हुए बहुत महत्वपूर्ण बात बताई की पंचायत अपने आप में एक स्वतंत्र इकाई है जो महिलाओं के हित में उचित और महिला हितेषी पंचायत पर काम कर सकते हैं महिलाओं के जीवन को सुगम सरल बनाने के लिए पंचायत की महत्व भूमिका हो सकती है। पंकज पांडे आज के कार्यशाला किसी पर प्रकाश डालते हुए पंचायत की भूमिका और अस्पष्टता को ध्यान में रखते हुए, आगामी समय में नई सीख के साथ क्रियान्वयन और नीति पर बात की गई।
ज्ञानेंद्र तिवारी के द्वारा वीडियो के माध्यम से जेंडर और सेक्स में अंतर बताया गया की पुरुष और महिला जो वीडियो में दिख रहे हैं खाना बनाने वाला पुरुष है और गाड़ी सुधारने वाली महिला।
विनोद चौधरी के द्वारा महिला हिंसा की रोकथाम के प्रावधान को लेकर पंचायत के शक्तियों के बारे में बात की और बताया कि
धारा 49 का 1 पंचायत क्षेत्र के आर्थिक विकास तथा सामाजिक न्याय के लिए योजना बनाना।
धारा 49 का 2 बिना किसी भेदभाव के सभी जरूरतमंदों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना
धारा 49 का 3 कुप्रथा को रोकना तथा महिलाओं एवं वंचित वर्ग के साथ भेदभाव को समाप्त करें।
इसके अतिरिक्त धारा 7( ञ), धारा 7 (ज), धारा 7 (ड), धारा 54 का जिक्र करते हुए बताया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा, ग्राम पंचायत की शक्ति पर विस्तार से चर्चा की प्रशिक्षण में कायन की सरपंच फूला अहिरवार द्वारा बताया गया कि मेरी पंचायत में महिलाओं के लिए शौचालय का निर्माण करवाया गया है नाली का निर्माण करवाया गया है लाइट लगवाई गई है और जहां पर महिलाओं को जाने में डर लगता है वहां पर ग्राम सुरक्षा समिति को तैयार करके रखा।
विकासखंड की सभी ब्लॉक, राजेश यादव, साधमा खान, प्रवीण सिंह, रिचा सिंह, कस्तूरी कुशवाहा, संगीता मिश्रा, राम रूप द्विवेदी, कमल चंद्र सेन की इस वेबीनार में महत्वपूर्ण भूमिका रही उन्होंने गांव से युवाओं को प्रेरित करें इस कार्यक्रम में जोड़ा।