ये क्या हुआ, कैसे हुआ ! छतरपुर कलेक्टर के गृह ग्राम मगरोटा में हीरा फाउंडेशन बनायेगा 2 करोड़ का मंदिर।

छतरपुर से जिला ब्यूरो चीफ मुकेश कुमार मिश्रा की रिपोर्ट

भूमि पूजन के बाद राजनैतिक हल्को में हल्ला

( 17 जून 21/गुरुवार )

श्री सूरज हीरा फाउंडेशन का नाम शायद ही बुंदेलखंड के लोगो ने पहले कभी सुना होगा। दूसरी लहर में जब नौगांव इलाके में लोग दम तोड़ रहे थे तब अचानक इस फाउंडेशन के चेयरमेन धर्मेंद्र लटोरिया की एंट्री होती हैं जो नौगांव में कोविद अस्पताल तैयार करने के लिये करोडो रूपये के जीवन रक्षक उपकरण दान दे देते हैं। नौगांव के समीपस्थ ग्राम तिदनी के मूल निवासी वर्तमान में गुजरात में निवासरत हैं। अभी मंगलवार को दिवंगत पिता के जन्म अवसर पर उन्होंने नौगांव में मेडिकल कालेज खोलने की घोषणा कर दी। 700 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले इस कालेज के लिये कलेक्टर छतरपुर ने सात दिन में भूमि आबंटित करने का आश्वासन दिया। बुंदेलखंड के लिये एक बड़ी सौगात हैं।

कुछ मुलाकते और कुछ बाते और बना ली कलेक्टर ने अपनी बात।

यहाँ तक मामला तो सौगतो भरा हैं लेकिन आज गुरुवार को उत्तरप्रदेश के हमीरपुर जिले के ग्राम मगरोटा में 2 करोड़ की लागत से रामजानकी मंदिर का भूमि पूजन हुआ। चकित करने जैसा हैं कि इस मंदिर का निर्माण हीरा फाउंडेशन कराएगा।फाउंडेशन के चेयरमेन धर्मेन्द्र लटोरिया, कलेक्टर छतरपुर और सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने ही भूमि पूजन किया। हीरा फाउंडेशन के धर्मेन्द्र लटोरिया ने नौगाव में जो सौगाते दी, यह उनका जननी स्थल के प्रति प्रेम था, उत्तरप्रदेश के मगरोटा में मंदिर का निर्माण कराना गले नहीं उत्तर रहा। अब क्या सच हैं पर सुनने में बहुत कुछ आ रहा हैं कि छतरपुर जिले में मेडिकल कालेज के लिये सरकारी भूमि अगर आबाटित होनी हैं तो कलेक्टर की भूमिका हैं., इसलिए कलेक्टर की मांग की पूर्ति के लिये उनके गांव मगरोटा में करोडो रूपये से मंदिर का भूमि पूजन संभव हों पाया। सबसे रोचक पहलू हैं कि एक कलेक्टर ने सत्ताधारी राजनीतिज्ञयो को भी मात दे दी। फाउंडेशन के धर्मेन्द्र लटोरिया को नौगाव के टीबी अस्पताल में कोविद सेंटर खोलने की सभी अडचनो से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो सांसद ने बाहर निकाला था। यहाँ तक कि जब अस्पताल के उपकरण ट्रको से छतरपुर लाये गये तब सांसद शर्मा ने ही भोपाल में हरी झंडी दिखाई थी। हीरा फाउंडेशन की सभी सोगतो में सत्ताधारी दल को श्रेय मिलता हैं पर कलेक्टर ने अपने पद रुआब से ख़ुद के गृह ग्राम में हीरा फाउंडेशन से नींव डलवा दी। माना जा रहा हैं कि इसका असर आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता हैं।

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