मयंक जेन जबेरा – कोरोना संक्रमण से बचाने लॉक डाउन में शासन द्वारा गरीब लोगो को राशन आदि प्रदान किया जा रहा है ।बही जंगलो में रहवासी बंदरो भी भूख से व्याकुल रहते है।क्योकि वाहनो के आवागमन रुकने एव लोगो की आवाजाही न होने से बन्दरो पर संकट मंडरा रहा है।वह सैकड़ो की संख्या में दमोह जबलपुर स्टेट हाइवे पर बैठ कर भूख मिटाने वनों में खाघ सामग्री तलाश रहे हैं।लेकिन भूख प्यास से ब्याकुल बन्दरो की इस दयनीय अवस्था पर नजर लोगो पर पड़ी।जो कुछ वन्य एव पशुप्रेमी बन्दरो की पीड़ा हरने आगे आये हैं। जबेरा के जीवदया से जुड़े युवको ने बन्दरो की पीड़ा को समझा कर प्रतिदिन दानिताल के जंगलों में जाकर फल ,सब्जी भूखे बंदरो को डालना शुरू किया।जिससे भूख में आशा की उम्मीद से टकटकी लगाए बंदरो ने राहत की सांस ली।देखते देखते पुलिस प्रशासन एव 100 डॉयल ने भी बंदरो को खाना डालना शुरू की।जबेरा के युवाओ में रविन्द्र जैन,जितेंद्र मलैया,सन्तोष जैन अरिहंत,अनुज बाजपेई,मुकेश ठाकुर,दुर्गा प्रसाद साहू,महेंद्र साहू,अर्जुन साहू,शालू जैन,शैलू जैन,विनीत नामदेव,शुभम,अंकुर तिवारी,परषोत्तम गर्ग, जीव दया युवक में अभिषेक बजाज ,आशीष मलैया,मयंक सिंघई,अर्हम चौधरी,संयम जैन,सहित अन्य युवा एव सांसद प्रतिनिधि रूपेश सेन,जुगल शर्मा,राजेश सिंघई,गुड्डा घोषी,दससु ठाकुर यह पुनीत कार्य कर रहे है।बही संजय तिवारी ने युवाओं से आग्रह किया है कि घर घर मे बची खाद्य सामग्री रोटी आदि को एकत्रित कर इन भूखे बंदरो को डाला जा सकता है।जिससे उनकी भूख का निदान किया जा सकता है।युवको ने उनके इस सुझाव की प्रशंसा की ओर जल्द की इस दिशा में कार्य को करने की बात भी कही।जैसे ही बंदरो की इस भूख की पीड़ा को अखबार में प्रकाशित किया गया। खबर को देखते ही दमोह से पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मनु मिश्रा एव भागचंद यादव सिंगरामपुर ने भी भूखे बंदरो की पीड़ा को समझते हुए जबेरा पहुँचकर उन्हें टमाटर और अन्य खाद्य सामग्री बंदरो को डाली।