ग्रामीण अंचलों में स्ट्रेट लाइट के नाम पर पंचायतों में बड़ा भ्रष्टाचार, गांवों में स्ट्रीट लाइट कर रहे हैं डिस्को डांस।

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छिंदवाड़ा जिले की उमरेठ तहसील की कुछ ग्राम पंचायतों में स्टेट लाइट लगाया गया है किंतु एक बस भी नहीं हुए हैं और वह लाइट खराब हो गए हैं

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गांव में स्ट्रीट लाइट लगाना बहुत अच्छी बात है लोगों की सुविधा के लिए अंधेरे में गांव में लाइट होना चाहिए किंतु गांव में स्ट्रीट लाइट लगाने के बहाने बड़ी राशि का भुगतान किया गया है
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और वह स्टेट लाइट 1 वर्ष भी नहीं चल पाये है मामला जनपद पंचायत परासिया का है
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कई पंचायतों ने गांव में स्टेट लाइट तो लगा दिया किंतु एक ही वर्ष में वह लाइट खराब हो गए हैं जबकि लोग अपने घरों में लगाने के लिए ₹100 का सीएफएल बल्ब लाते हैं तो उसकी भी गारंटी होती है
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किंतु कुछ ग्राम पंचायतों में स्टेट लाइट लगाकर बड़ी राशि आहरण की गई है जिसमें जिम्मेदार निर्माण एजेंसी ने बड़ा जुगाड़ हुआ है 30 हजार रुपए से 35000 हजार रुपए की लागत की राशि से ग्राम पंचायतों में स्टेट लाइट लगाया गया है वह लाइट 1 वर्ष भी नहीं चल पाए हैं
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जिसकी पूरी निरपेक्षता और पारदर्शिता से जांच होती है तो बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है कई अधिकारी कर्मचारी की सांठगांठ से इतने महंगे लाइट ग्रामों में लगाकर बड़े बड़े मोटे बिल लगाकर पंचायतों की राशि सरपंच सचिव के द्वारा राशि आहरण की गई है

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आखिरकार ग्राम पंचायत के पंच करते क्या है इन सब विषय पर ग्राम सभाओं के माध्यम से चर्चा क्यों नहीं होती क्या पंचायतों के सरपंच सचिव पंचों को ग्राम सभा में जानकारी नहीं देते
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यही मामला जनपद पंचायत परासिया के कुछ ग्राम पंचायतों में जिन्होंने स्टेट लाइट लगाया है उनकी कई बारस्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों ने एवं आम जनों नेस्ट्रीट लाइट के मामले में शिकायतें की गई
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किंतु शिकायतें तो हुई किंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई उन पंचायतों में लाइटों की स्थिति ठीक नहीं है कुछ लाइट डिस्को डांस कर रहे हैं तो कुछ लाइट तो एक ही वर्ष के अंदर बंद हो गए हैं आखिरकार कौन हैं जिम्मेदार

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