Rajya Sabha Election Result 2020 : राज्यसभा में MP का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं के बारे में जानिये कुछ बातें

Rajya Sabha Election Result 2020 : सिंधिया और दिग्विजय सिंह जहां मंजे हुए राजनेता हैं वहीं सुमेर सिंह को राजनीति का अनुभव नहीं है।

भूमिका भास्कर संवाददाता भोपाल। मध्य प्रदेश से राज्यसभा में भाजपा को दो और कांग्रेस को एक सीट हासिल हुई है। भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेरसिंह सोलंकी तथा कांग्रेस के दिग्विजय सिंह शुक्रवार को विजयी घोषित किए गए। कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार फूल सिंह बरैया चुनाव हार गए। उन्हें जीतने के लिए जरूरी मतों से 16 मत कम मिले। सबसे ज्यादा 57 वोट दिग्विजय सिंह को, 56 सिंधिया को और 55 वोट सुमेरसिंह सोलंकी को मिले। बरैया के खाते में 36 वोट आए। दो वोट निरस्त हुए। जानिये राज्‍यसभा में मप्र का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताअों के बारे में-

ज्योतिरादित्य सिंधिया : चार बार रहे गुना-शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र से सांसद

जन्म : 1 जनवरी 1971 (मुंबई) -जयविलास पैलेस ग्वालियर। दून स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा। हार्वर्ड विश्वविद्यालय से बीए। स्टेनफोर्ड विवि से एमबीए ।

राजनीतिक अनुभव ग्वालियर घराने के अंतिम महाराजा जीवाजी राव सिंधिया के पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया अब तक चार बार लोकसभा क्षेत्र गुना-शिवपुरी सीट से सांसद चुने गए। पिता माधवराव सिंधिया की हवाई जहाज दुर्घटना में मौत के बाद राजनीति में आए और 2001 में पहली बार सांसद बने। 2004 में फिर दूसरी बार संसद पहुंचे। 2007 में पहली बार केंद्र सरकार में राज्यमंत्री बनाए गए। 2009 और 2014 में भी लोकसभा चुनाव जीते, लेकिन 2019 में भाजपा के केपी यादव से चुनाव हार गए। मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़ी और भाजपा में शामिल होकर राज्यसभा के लिए चुने गए।

पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं दिग्विजय सिंह

जन्म : 28 फरवरी 1947 पता : किला राघौगढ़ जिला गुना । डेली कॉलेज इंदौर में प्रारंभिक शिक्षा । श्री गोविंदराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान इंदौर से इंजीनियरिंग डिग्री

राजनीतिक अनुभव : 1969 से 71 तक राघौगढ़ नगर पालिका के अध्यक्ष रहे और 1971 में कांग्रेस के सदस्य बने। 1977 में पहली बार विधायक चुने गए। 1980 में दूसरी बार विधायक बने। तब पहले सिंचाई व कृषि राज्यमंत्री रहे और उसी कार्यकाल में उन्हें कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी मिल गई। 1984 व 1991 में दो बार लोकसभा पहुंचे। राष्ट्रपति शासन के बाद हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनी और दिग्विजय सिंह ने लोकसभा से इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। 1993 से 2003 तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 2018 में लोकसभा चुनाव हारे।

डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी : स्वयंसेवक होने का लाभ

निवासी- ग्राम ठान, तहसील पाटी, जिला बड़वानी ।शिक्षा प्रारंभिक शिक्षा गांव में फिर बड़वानी और इंदौर विश्वविद्यालय से पीएचडी पिता अमर सिंह सोलंकी कृषक।

राजनीतिक अनुभव- कुछ नहीं । सामाजिक अनुभव- बाल्यकाल से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में नियमित स्वयंसेवक रहे। संघ से जुड़े विभिन्न संगठन जैसे धर्मजागरण, सेवाभारती, वनवासी कल्याण परिषद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय रहे। 2005 में मप्र लोकसेवा आयोग से चयनित होने के बाद सरकारी सेवा में सहायक प्राध्यापक पद पर कार्यरत रहे। राज्यसभा चुनाव में भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद सरकारी नौकरी छोड़ राजनीति में आए। स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय लोगों के योगदान को लेकर विशेष अध्ययन किया जा रहा है।

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