खामरिया गोशाला का निरीक्षण किया राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश ने।

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आलोट- शासकीय भूमि में सरकारी भवन बन सकते हैं कत्लखाने बन सकते हैं तो फिर गौशाला के लिए आपत्ति क्यों उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने संबोधित करते कहा कि यदि एक गांव में 5कत्लखाना हो सकते हैं 2 गौशाला क्यों नहीं
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर जो कांजी हाउस थे उनको पुनर्जीवित करके पशु आश्रय स्थल के रूप में विकसित करना चाहिए
मुनि कमलेश ने बताया कि पशुओं का रोड पर रहना स्वच्छता अभियान का जनाजा निकालने के समान है यातायात नियंत्रण कानून का खुलम खुला उल्लंघन है
राष्ट्रसंत ने कहा कि विदेशों में कोई भी प्राणी रोड पर नजर नहीं आता आध्यात्मिकता की दुहाई देने वाले देश में कदम कदम पर पशुओं का रोड पर होना इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है
जैन संत ने कहा कि गोचर भूमि पर कब्जा करने वाला भी कसाई से कम नहीं जो गौ माता के मुंह से निवाला छीनने का पाप कमा रहा है सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए सरकारों को तत्काल भू माफियाओं से गोचर भूमि मुफ्त कराना चाहिए
मुनि कमलेश के गौशाला का अवलोकन किया 400 गोवंश है ऐसे रजिस्ट्रेशन करने का प्रस्ताव पास किया और विकास का निर्णय लिया वही ग्राम पंचायत खामरिया के सरपंच रामलाल सूर्यवंशी ने ग्राम की 20 बीघा सरकारी जमीन पर अनंपत्ति प्रमाण पत्र लेकर राष्ट्रसंत के चरणों मे अर्पित कर उक्त जमीन पर विश्वस्तरीय गोशाला निर्माण करवाने का निवेदन किया। उक्त गोशाला निरीक्षण के दौरान नवपद आयम्बिल जीवदया समिति के अध्यक्ष राहुल रांका, खामरिया सरपंच रामलाल सूर्यवंशी,गोशाला के सदस्य रामेश्वर शर्मा,कालूराम शर्मा,इत्यादि ग्रामीणजन उपस्तिथ थे

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