प्रोफेसर भरत शरण सिंह ने 21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला।

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शहडोल -जिला ब्यूरो चीफ सत्येन्द्र सिंह चौहान


21 जून अर्थात अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस संक्रांति यानि Solstice एक खगोलीय घटना है जोकि वर्ष में दो बार, एक गर्मियों में और एक बार सर्दियों में होती है. हर साल सूर्य को जब उत्तर या दक्षिण ध्रुव से देखा जाता है तो साल का सबसे बड़ा दिन 21 जून होता है. इस दिन सूर्य की किरण ज्यादा देर तक पृथ्वी में रहती है और 22 दिसम्बर साल का सबसे छोटा दिन होता है, क्योकि इस दिन सूर्य की किरण पृथ्वी पर कम समय के लिए रहती है. ये साल के वो दिन होते हैं, जिसमें दिन और रात की लम्बाई में सर्वाधिक अंतर होता है. यह एक सामान्य घटना है जो हर वर्ष होती है.
सूर्य की आराधना
12+1 =13 मन्त्र
आदित्यस्य नमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने।
आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तेजस्तेषां च जायते ॥
(जो लोग प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करते हैं, उनकी आयु, प्रज्ञा, बल, वीर्य और तेज बढ़ता
ॐ मित्राय नम:
ॐ रवये नम:
ॐ सूर्याय नम:
ॐ भानवे नम:
ॐ खगाय नम:
ॐ पूष्णे नम:
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
ॐ मरीचये नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ सवित्रे नम:
ॐ अर्काय नम:
ॐ भास्कराय नम:
ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम:
ध्येयः सदा सवितृमण्डल मध्यवर्ती
नारायणः सरसिजासन-सन्निविष्टः।
केयूरवान् मकर-कुण्डलवान् किरीटी
हारी हिरण्मय वपुर्धृत – शंख – चक्रः ॥

अर्थात सूर्य मंडल में स्थित , कमल पर विराजमान , सुवर्णाभूषणो से सुशोभित तथा सुवर्ण कांटी के शंख चक्रधारी भगवान नारायण को ध्यान करें।
(Globalisation of Indigenous Faith)

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