240 करोड़ की सड़क पर कदम-कदम पर दरारे,गलती छुपाने सीसी रोड में लगा रहे डामर का पैबंद।
राहुल उपाध्याय की रिपोर्ट
कटनी। कटनी से उमरिया जिला मुख्यालय के बीच तीन साल पहले बनकर तैयार हुए नेशनल हाइवे 43 का 69 किलोमीटर का हिस्सा जगह जगह दोफाड़ हो रहा है।240 करोड़ की सी सी रोड में हर कदम पर आई दरारे खुद ब खुद गुणवत्ता से हुए खिलवाड़ की कहानी कह रही है। अब सड़क में मरम्मत के नाम पर भी लीपापोती का खेल कर सीसी रोड में डामर के थिगड़ो का पैबंद लगाया जा रहा हैं। निर्माण की भांति मरम्मत मे भी नियम शर्तो को दरकिनार है।सी सी रोड में मरम्मत के नाम पर जगह जगह लोहे की सरिया से दरारों के दोनों ओर स्टेचिंग करके डामर भरा जा रहा है। गर्मी और बारिश में बार बार दरारों का डामर बाहर आ रहा है। इससे दरारों में दो पहिया वाहनो के फिसलने की आशंका बढ़ रही हैं।एग्रीमेंट के मुताबिक बड़ी बड़ी दरारों को दूर करने सी सी रोड के पैनल बदले जाने थे लेकिन इससे परहेज कर केवल स्ट्रेचिंग करते हुए डामर का लेप किया जा रहा है।लोगों का आरोप है कि सड़क मरम्मत अवधि में एक साल से कम का समय बचा हुआ है ।बावजूद इसके एमपी आरडीसी के अधिकारी और कंसल्टेंट एजेंसी थींम इंजीनियरिंग द्वारा नियम और गुणवत्ता का पालन कराने की बजाय निर्माण ऐजेन्सी कलथिया इंजीनियरिंग को मरम्मत राशि का भुगतान किया जा रहा है।
चार सौ पैनल बदलने की जरूरत
चाका के समीप सिंधिया चौराहे से बड़वारा होते हुए उमरिया जिला मुख्यालय तक 69 किलोमीटर की सीसी रोड का निर्माण एमपी आरडीसी की देखरेख में गुजरात की ऐजेंसी कलथिया इंजिनीरिंग एंड कंस्ट्रक्शन के द्वारा 240 करोड़ की लागत से किया गया था। बनने के एक साल के भीतर लगातार क्रेक्स बढ़ने से करीब तीन सौ पैनल बदले गये ,लेकिन बाद में पैनल बदलने की जगह ऐजेंसी भारी भरकम क्रैक्स पर स्टेचिंग करके खानापूर्ति करने में जुटी है। जानकारी के मुताबिक अभी भी सड़क मे करीब 400 पैनल बदलने लायक हैं जिन्हे नही बदला जा रहा है।यही हाल रहा तो मरम्मत अवधि के बाद सड़क ठेकेदार और कंसल्टेंट की लापरवाही विभाग पर भारी पड़ेगी।कटनी शहर की सीमा से लगे लमतरा – जुहला बायपास मे सड़क का करीब एक किलोमीटर लंबाई का हिस्सा पूरी तरह जर्जर हो चुका है।जिसमे पैनल बदलने की जगह निर्माण एजेंसी और तकनीकी दल एक साल से बार बार केवल स्टेचिंग कर खानापूर्ति मे लगे है। लेकिन बार बार भ्रष्टाचार के क्रेक्स सड़क से झांकने लगते है। तकनीकी जानकारों कहना है कि बारिश से पहले पैनल बदल कर मरम्मत नहीं की गई तो हालात लमतरा ओव्हरब्रिज जैसे बन सकते हैं।
9 माह पहले एनएचएआई के सुपुर्द हुई सड़क
एमपीआरडीसी के द्वारा कंसल्टेंट थींम इंजीनियरिंग की क्वलिटी देखरेख में ठेकेदार कलथिया इंजीनयरिंग अहमदाबाद से बनवाई गई सड़क को मरम्मत समय अवधि से 9 महीने पहले एनएचएआई के सुपुर्द कर दिया गया है। सड़क के निर्माण और मरम्मत में गुणवत्ता की अनदेखी के बावजूद मनमाने तरीके से कराए गए राशि भुगतान को लेकर कंसल्टेंट की भूमिका सवालों के घेरे में है।अब देखना है कि क्वालिटी मेंटेन करने के लिए पहचान रखने वाला विभाग एनएचएआई इस सड़क को लेकर क्या रुख अपनाता है जबकि विभाग की नजरों में सड़क में खामियों की भरमार है।वही कंसल्टेंट एजेंसी केवल 20 फ़ीसदी निरीक्षण के अधिकार होने की बात कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने में जुट गई है।
क्वालिटी के लिए एनएचएआई कसेगा नकेल!
कटनी से उमरिया सी सी रोड को हाल ही में एमपी आरडीसी से एनएचएआई ने हैंड ओवर किया गया है।जिसके बाद क्वालिटी मेन्टेन करने और मेंटेनेंस के लिए एनएचएआई नकेल कसेगा।एनएचएआई प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बाँझल का कहना है कि सड़क को एनएचएआई की क्वालिटी के लेवल तक लाया जाएगा। मरम्मत का कार्य शर्तो के मुताबिक निर्माण एजेंसी कलथिया इंजीनयरिंग से ही कराया जाएगा।जितने स्थानों पर सड़क खराब है सभी जगह पैनल बदलवाए जाएंगे।क्वालिटी को लेकर कोई भी समझौता होने का सवाल ही नहीं है।