शब्दो के बाण, अनुशासन का डंडा, किधर जा रही भाजपा ? जाने
कही शब्दो के बाण तो कही नोटिस का खेल,किधर जा रही भाजपा?
जावरा के पांडे जी फिर उगले अपने राजनीतिक विरोधियों पर, खूब कसे तंज
रतलाम। शिरीष सकलेचा
रतलाम जिले की भाजपा में इन दिनों भारी गहमागहमी चल रही है। कही शब्दो के बाण चल रहे है तो कही अनुशासन की दुहाई देकर राजनीतिक माहौल को गरमाया जा रहा है।
पहले बात करते है जावरा की। यहाँ मंगलवार को जावरा विधायक डॉ राजेन्द्र पांडे ने दूसरी बार नपा के कार्यक्रम में शब्दों के ऐसे बाण चलाये की सुनने वाले भौचक्के रह गए। सरल स्वभाव के धनी पांडे जी पिछले कुछ समय से अपने ही रहे चेलों को शब्दों के जाल में उलझाते दिख रहे है। इस बार उनका भाषण बेहद आक्रोशभरा नजर आया। शब्दो के जो बाण चले वो अकल्पनीय लगे। लेकिन हो सकता है डॉ .साहब ने विरोधियों को हेवी डोज देकर अपनी मंशा बताई हो। मंगलवार को जो भाषण उन्होंने दीए उससे साफ लग रहा है कि वे अभी भी मन से बेहद आहत है। पांडे ने जो भाषण दिया वह साफ साफ पुर्व नप अध्यक्ष अनिल दसेड़ा(एडी)की तरफ दिखाई दिया। किसी समय ये दोनों नेता एक साथ राजनीति कर गुरु चेले के रूप मे जाने जाते थे। लेकिन राजनीतिक हालातो ने परिस्थितियों को विपरीत कर दिया है। आज की स्थिति यह है कि दोनों एक दूसरे को फूटी आंख नहीं देखते हैं। उधर एडी विधायक से पूरी तरह टक्कर लेते हुए मिशन 2023 में लगे हुए हैं। लगातार जनता के बीच जाकर वे अपनी जमीनी पकड़ बनाने में लगे हुए। हैं ऐसे में आने वाले समय में वे अपने मकसद में कितने कामयाब होंगे यह आने वाला समय बताएगा लेकिन अभी तो उन्हें अपने गुरु से टक्कर लेकर आगे की मंजिल को आसान करना टेढ़ी खीर होगा? बहरहाल पांडे जी के बयान ने अपनी भड़ास निकाली तो दसेड़ा को चर्चित कर दिया। दसेड़ा के साथ ही लगे हाथ पांडे ने एक ओर वरिष्ट नेता, उधोगपति को भी निशाने पर ले लिया। यह नेता जी भी किसी समय विधायक जी के खास हुआ करते थे।
अपना दर्द कैसे खुलकर बया करे…?
उधर आलोट में पांच नेताओ को जिला अध्यक्ष मैं अनुशासनहीनता का नोटिस देखकर एक नया बखेड़ा पार्टी के अंदर खड़ा कर दिया है जिन नेताओं को नोटिस मिला है वे खुलकर तो मीडिया के सामने नहीं बोले लेकिन अंदर ही अंदर वह बहुत अपने आप को बहुत अपमानित महसूस करते नजर आ रहे हैं उनका यह अनुशासनहीनता का डंडा क्या रिएक्शन करता है यह भी देखना है भाजपा में जिले में लगातार आपस में बढ़ रही तकरार बेलगाम हो रही है जो पार्टी की सेहत के लिए ठीक नहीं दिख रही है रतलाम जिले की राजनीतिक स्थिति सीएम लगातार रूबरू हो रहे हैं ऐसे में जिले की पांचों सीटों पर टिकट के लिए कहीं दंगल ना हो जाए?