जनप्रतिनिधि कम ठेकेदार ज्यादा ,यहां लोग राजनीति में इसलिए जनप्रतिनिधि बन जाते है कि उन्हें ठेका मिल जाये।

(लेखक भूमिका भास्कर समाचार पत्र के संपादक हैं एवं देश की कई प्रसिद्ध सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हुए हैं)

आशीष जैन सागर – बुंदेलखंड में कोरोना महामारी अपने विकराल रूप में आ चुकी है अब हम यदि नहीं समझे तो हमें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। सागर जिले में प्रशासन के द्वारा व्यवस्थाओं का प्रचार प्रसार तो बहुत किया जा रहा है लेकिन यह अन्य सरकारी योजनाओं की तरह धरातल पर दिखाई नहीं दे रहा है। दिन प्रतिदिन नई कोरोना मरीज मिल रहे हैं अब हालात यह हो गई है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना के मरीज मिलने से हड़कंप सा मच गया है । कहा जाता है कि भारत देश गांव में बसता है और गांव में ही यह बीमारी फैल रही है।

हम बुंदेलखंड के सागर जिले के बंडा विधानसभा की बात करें तो हर गांव में कोरोना की 4 से 6 मरीज हो चुके हैं और 1 दर्जन से अधिक ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है यह वाक्या सागर जिले की 1 तहसील का है यदि इसी प्रकार का अनुमान लगाएं तो भारत देश में 551 जिले हैं और 43 सौ से अधिक तहसील है। दिन प्रतिदिन हजारों लोगों की मौत कोरोना से हो रही है प्रशासन अपनी नाकामयाबी छिपाने के लिए लगातार गलत सूचना दे रहा है। सागर जिले के बंडा विधानसभा क्षेत्र में जनप्रतिनिधि कम ठेकेदार ज्यादा हैं । यहां लोग राजनीति में इसलिए जनप्रतिनिधि बन जाते है कि उन्हें राशन दुकान, पत्थर ठेका, नगर पंचायत में ठेकेदारी, शराब दुकान, जेसीबी मसीन चले, वन विभाग की ठेकेदारी, ग्राम पंचायत के फर्जी बिल बनाने का ठेका आदि मिल जाये। अब सभी लोग एकजुट होकर इस महामारी का सामना करे। बंडा विधानसभा क्षेत्र के युवा सोशल मीडिया से लगातार लोगों को जागरूक कर रहे हैं लेकिन जब धरातल पर बात आती है तब गिने-चुने लोग ही काम के लिए आगे आते है । कहने का तात्पर्य यह है कि आप हमें कोरोना महामारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए सभी लोगों को राजनीतिक और सामाजिक बुराई मिटाकर एकजुट होकर इस महामारी से लड़ना होगा नहीं तो मानव जाति और मानव सभ्यता का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा ।

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