आपातकाल में देशवासियों ने अपने संविधान प्रदत्त अधिकारों को खोया था यह लोकतंत्र की हत्या थी : चौधरी दर्शन सिंह।
बनखेड़ी से नफीस खान की रिपोर्ट
आपातकाल प्रजातंत्र का काला दिवस
धमनिया में 11 पीपल के पौधों सहित कुल 51 पौधे लगाए
आज 25 जून को भारतीय जनता पार्टी के द्वारा इमरजेंसी के विरुद्ध काला दिवस मनाया गया । ग्राम धमनिया में आयोजित कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी दर्शन सिंह ने कहा कि आज ही के दिन हमारे महान लोकतान्त्रिक देश में इमरजेंसी लगी थी । वैसे इस घटना को 46 वर्ष हो चुके हैं जब भी यह दिन आता है जख्म ताजे हो जाती है । न्यायालय के द्वारा सत्ता से बेदखल किए जाने के भय से 25 जून 1975 को देश की तात्कालिक कांग्रेस के नेतृत्व वाली इंदिरा गांधी की सरकार ने आपातकाल की घोषणा कर दी थी । आपातकाल की घोषणा होने के बाद देश वासियों ने अपने संविधान प्रदत्त अधिकारों को खो दिया था । यह लोकतंत्र की हत्या थी । उस समय महान देशवासियों ने भारतीय लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष का रास्ता चुना।जिनके कारण देश भर में कांग्रेस के खिलाफ लोग एकजुट हो गए थे। जगह जगह प्रदर्शन प्रारंभ हो गए इन प्रदर्शनों को कुचलने के लिए हजारों की संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया गया और उन्हें जेलों में बंद कर दिया गया था। संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए 21 महीनों तक निर्दयी सरकार की कठिन यातनाएं वाले सभी महान देशवासियों के त्याग तपस्या व कुर्बानी को हम सादर प्रणाम करते हैं।
तदोपरांत ग्राम धमनिया में भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी दर्शन सिंह जी के द्वारा प्रकृति को बचाने के लिए वृक्षारोपण का आवाहन किया गया जिसमें उपस्थित किसानों ने 10-10 वृक्ष लगाने का संकल्प लिया । इस अवसर पर दूल्हा दुल्हन मोहित और काजल ने पीपल का पौधा लगाया इस प्रकार 11 पीपल के पौधों सहित कुल 51 पौधे लगाए । कार्यक्रम में भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी दर्शन सिंह , प्रदेश मंत्री अवनींद्र पटेरिया प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पुरुषोत्तम शर्मा प्रयाग राज रघुवंशी कोमल सिंह मीणा बृजेश तिवारी दुबे जी रामकुमार पटेल सहित भाजपा किसान मोर्चा के कार्यकर्ता एवं समस्त ग्रामवासी उपस्थित रहे ।