उज्जैन : महाकाल मंदिर में अनुमति नहीं मिली तो किसी भी मंदिर के शिवलिंग पर जल चढ़ा देंगे, मैजिक में बैठकर इंदौर से कांवड़ में जल भर लाये यात्री।
उज्जैन से विशाल जैन की रिपोर्ट – कोरोना संक्रमण की वजह से कलेक्टर द्वारा सावन माह में उज्जैन आने वाले कावड़ यात्रियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है। कलेक्टर ने आसपास के जिला व पुलिस प्रशासन को भी इससे अवगत कराते हुए किसी को अनुमति नहीं दिये जाने की बात कही है, बावजूद इसके सुबह इंदौर से करीब एक दर्जन कावड़ी यात्री लोडिंग मैजिक में बैठकर उज्जैन आ गये। अक्षर विश्व से चर्चा में कावडिय़ों ने कहा कि महाकाल मंदिर में अनुमति नहीं मिली तो कहीं भी शिवलिंग पर जल चढ़ा देंगे।
हमें पता नहीं था लॉकडाउन है:इंदौर से कांवड़ में जल भरकर आये कावड़ यात्रियों को त्रिवेणी पुल पर रोककर चर्चा की गई तो उन्होंने बताया शहर में लॉकडाउन है इसकी हमें जानकारी नहीं थी। कहीं किसी ने रोका भी नहीं। अब शहर में आ गये हैं। भोजन का सामान साथ लाये हैं, किसी मैदान में रुककर भोजन बनाएंगे, वहीं आराम करेंगे और सोमवार सुबह महाकाल मंदिर पहुंचकर दर्शन करेंगे। प्रशासन द्वारा भगवान को जल अर्पित कराने की अनुमति दी जाती है तो ठीक, नहीं तो किसी भी मंदिर के शिवलिंग पर पवित्र जल अर्पित कर देंगे।
यह होता था प्रतिवर्ष: सावन माह में देश भर से हजारों की संख्या में कांवड़ यात्री सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा कर कंधे पर पवित्र नदियों का जल भरकर उज्जैन आते थे। मंदिर प्रशासन द्वारा कांवड़ यात्रियों के मंदिर में प्रवेश के लिये अलग से मार्ग निर्धारित होता था जहां से गुजरकर कांवड़ यात्री भगवान महाकालेश्वर को पवित्र नदियों का जल अर्पित करते थे।
मंदिर में सिर्फ ऑनलाइन परमिशन से दर्शन:कोरोना वजह से महाकालेश्वर मंदिर में ऑनलाइन अनुमति के बाद प्रवेश दिया जा रहा है। साथ ही निर्देशित किया है कि मंदिर में फूल, प्रसाद ले जाने की अनुमति नहीं होगी और श्रद्धालु भगवान को जल भी अर्पित नहीं करेंगे। भूमिका भास्कर उज्जैन से विशाल ने की रिपोर्ट✍️