महंगाई! सरसों, सोयाबीन ने बिगा‌ड़ा रसोई का बजट, 11 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंची खाने के तेल की कीमतें

आशीष जैन सागर – 7354469594

पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों के साथ ही खाने की आसमान छूती कीमतों ने आम आदमी कमर तोड़ दी है. खाद्य तेलों (Edible Oil) के दाम इस महीने बढ़कर पिछले एक दशक के उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं. मूंगफली, सरसों, वनस्पति, सोयाबीन, सूरजमुखी और पाम ऑयल के दाम में लगातार तेजी जारी है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देशभर में इन तेलों की औसत मासिक खुदरा कीमतें जनवरी 2010 के बाद से उच्‍चतम स्‍तर पर हैं.

कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार उठा रही कदम

सोमवार को फूड एंड पब्लिक डिस्‍ट्रीब्‍यूशन विभाग ने सभी हितधारकों के साथ एक बैठक की थी, जिसमें राज्‍यों और कारोबारियों से खाद्य तेल की कीमतें कम करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने को कहा गया है. सरसों और रिफाइंड तेल के बेकाबू होते दाम को लेकर अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ भी गंभीर हैं.

सरसों तेल में हुआ दोगुना इजाफा
पैक्ड सरसों तेल का खुदरा भाव इस साल मई में अब तक 170 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच चुका है. जो पिछले साल मई महीने में औसत भाव 48 फीसदी कम यानी 115 रुपये प्रति किलोग्राम पर था. इसी साल अप्रैल महीने में पैक्ड सरसों तेल की कीमत 155.39 रुपये प्रति किलोग्राम पर थी. वहीं, मई 2010 के दौरान यह भाव 63.05 रुपये प्रति किलोग्राम पर था.

​11 साल के उच्‍चतम स्‍तर पर पाम ऑइल

पाम ऑइल की खुदरा कीमतें सोमवार को 62.35 फीसदी बढ़कर 138 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं. बीते 11 साल में यह अब तक का उच्‍चतम स्‍तर है. एक साल पहले कीमत 85 रुपये प्रति किलो थी. 11 साल पहले अप्रैल 2010 में पाम तेल का औसत मासिक खुदरा भाव सबसे कम था. उस दौरान पाम तेल का खुदरा भाव 49.13 रुपये प्रति किलोग्राम पर था.

4 अन्‍य खाद्य तेलों में भी तेज वृद्धि

सूरजमुखी के तेल की खुदरा कीमतें बढ़कर 175 रुपये प्रति किलो दर्ज की गई, जो एक साल पहले 110 रुपये प्रति किलो थी. वहीं वनस्पति तेल की कीमतें बढ़कर 140 रुपये प्रति किलो हो गई, जो एक साल पहले 90 रुपये प्रति किलो थी. इसी तरह सोयाबीन के तेल की कीमत 55 फीसदी बढ़कर 155 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई, जो एक साल पहले 100 रुपये प्रति किलो थी.

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