उज्जैन : टाटा द्वारा किये जा रहे अंडर ग्राउण्ड डक्टिंग एवं स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट की गति धीमी होने के कारण स्कोप ऑफ वर्क से कार्यों को डिस्कोप करने का निर्णय लिया गया, स्मार्ट सिटी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक सम्पन्न।
विशाल जैन उज्जैन – 29 जुलाई। स्मार्ट सिटी लिमिटेड उज्जैन की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की 17वी बैठक आज कलेक्टर एवं अध्यक्ष उज्जैन स्मार्ट सिटी श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। कोविड-19 के कारण केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा नामित तथा स्वतंत्र डायरेक्ट इस बैठक में वर्चुअल मीटिंग के जरिये शामिल हुए। बैठक में निर्णय लिया गया कि अण्डरग्राउण्ड डक्टिंग एवं स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट के विभिन्न कार्य जो मेसर्स टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड द्वारा किये जा रहे हैं, उनके कार्यों की गति काफी धीमी होने के कारण उनके स्कोप ऑफ वर्क से कार्यों को डिस्कोप करने का निर्णय लिया गया। डिस्कोप किये गये कार्यों के लिये पृथक से नवीन टेण्डर जारी किये जायेंगे। बैठक में नगर निगम आयुक्त श्री क्षितिज सिंघल, स्मार्ट सिटी सीईओ श्री अंकित अस्थाना, यूडीए सीईओ श्री एसएस रावत सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में मृदा परियोजना हेतु मोबिलिटी एवं हाइड्रोलिक सर्वे की दरों की स्वीकृति प्रदान की गई। इसी परियोजना के कार्यों के तहत हरिफाटक ब्रिज से शंख द्वार तक 900 मीटर के महाकाल कॉरिडोर हेतु एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट की स्वीकृति दी गई। महाकाल कॉरिडोर में केनोपी लगाकर शेडिंग की जायेगी, इसमें आवागमन की सुविधा के लिये पैदल यात्रियों एवं ई-रिक्शा के लिये पृथक से लेन होगी। शेडिंग किये जाने से यात्रियों को धूप एवं बारिश में सुविधा होगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये स्ट्रीट फर्नीचर तथा ग्रीन एरिया विकसित किया जायेगा।
बैठक में स्मार्ट सिटी द्वारा नूतन एवं गणेश नगर स्कूल हेतु निर्मित किये गये नवीन भवनों के लिये आवश्यक नये फर्नीचर खरीदने की स्वीकृति प्रदान की गई। नवीन फर्नीचर क्लासरूम, लायब्रेरी, होस्टल, प्राचार्य कक्ष तथा स्टाफ रूम के लिये उपलब्ध कराया जायेगा। बैठक में बायोमेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल के लिये इंसीनेटर लगाने की स्वीकृति दी गई, जिससे हॉस्पिटल से निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट को सुरक्षित रूप से नष्ट किया जायेगा। कोरोना के समय में यह अत्यन्त महत्वपूर्ण होगा। साथ ही बायोमिथेनेशन प्लांट का विस्तारीकरण करने का निर्णय लिया गया। बैठक में मृदा परियोजना के अन्तर्गत ही प्रस्तावित लोटस पांड हेतु वाटर फाउंटेन इंस्टालेशन की स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में स्टेट ऑफ द आर्ट नेचरोपैथी सह योग एवं ध्यान केन्द्र के प्रोजेक्ट की विस्तृत चर्चा की गई। यह योजना सामाजिक न्याय परिसर की भूमि पर प्रस्तावित है और इसका संचालन पीपीपी मॉडल पर किये जाने का सुझाव दिया गया है। बोर्ड द्वारा कोविड-19 रोकथाम एवं बचाव में नियुक्त स्मार्ट सिटी एवं पीडीएमसी के कर्मचारियों द्वारा की गई कड़ी मेहनत की सराहना की गई।