उमरिया : बीमारियों की अगवानी करेगी सब्जी मंडी की यह स्थिति।
उमरिया। प्रकाश राजपूत की रिपोर्ट
विकास — 23 वर्षों में मुख्यालय में एक सब्जी मंडी विकसित नही हो सकी
उमरिया जिला भले ही अपने गठन के 23 वर्ष पूर्ण कर चुका हो और यँहा के जनप्रतिनिधि न जाने कितने अरबों खरबों की विकास रूपी गंगा बहाने की गाथाएं गाते हों जिसमें उन्होंने आत्म विभोर स्नान भी किया लेकिन यह विकास रूपी गंगा जिला मुख्यालय स्थित एक विशाल गड्ढे में आकर समाहित हो जाती है जिसे हम सब जिला मुख्यालय की सब्जी मंडी कहते हैं ऐसी सब्जी मंडी जिसमें सुविधा के नाम पर न स्वच्छ पानी की व्यवस्था है न पर्याप्त बिजली की औऱ तो और पूरे नगर की सफाई व्यवस्था के अलौकिक दर्शन करने हों तो आप सिर्फ पधारिए इस कथित सब्जी मंडी।
यँहा प्राप्त होगी पाताल प्रवेश की अनुभूति
अगर आपको पाताल प्रवेश की अनुभूति प्राप्त करनी हो तो आप तो मुख्यालय स्थित कथित सब्जी मंडी में प्रवेश मार्ग पर गमन जरूर करें आपको पाताल प्रवेश की अनुभूति अवश्य प्राप्त होगी इस कथित सब्जी मंडी की स्थिति यह है कि इसमें प्रवेश और निकास का एक उचित मार्ग तक नही है हाल ही में आढ़त व्यापारियों के भारी सब्जी वाहन प्रवेश का एक मात्र मार्ग भी विपणन सिमिति द्वारा बंद कर दिया गया और आढ़त व्यापारी नपा प्रशासन से लेकर जिलाधिकारियों तक अपनी व्यथा लेकर पहुँचे लेकिन किसी के कानों में जूं तक नही रेंगी जिसके कारण मजबूरी में अब सब्जी के वाहन अति सवेंदनशील और दुर्घटना संभावित मार्ग का उपयोग करने लगें है और स्थानीय बताते हैं अब तक आधा दर्जन वाहन पलटने की घटनाएं घटित हो चूंकि हैं लेकिन प्रशासन शायद किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है।
हाँ वसूली बराबर हो रही है
नगर पालिका द्वारा इस कथित सब्जी मंडी में जिम्मेदारियों का पालन भले ही न किया जाता हो हाँ सभी सुविधा शुल्कों को जोड़ कर वँहा के छोटे- बड़े दुकानदारों से सेवाकर बकायदा वसूला जाता है और शायद इसी वसूले कर के कारण ही सब्जी मंडी में दलदल रूपी तल , पाताल प्रवेश रूपी मार्ग, रेगिस्तान जैसी बिना छाया की धूप का अनुभव और सुंदरवन जैसी खूशबू का आनंद प्राप्त होता है।