शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक एवं भावनात्मक विकास के लिए प्रतिबद्ध पीरामल फाउण्डेशन

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शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक एवं भावनात्मक विकास के लिए प्रतिबद्ध पीरामल फाउण्डेशन

शहडोल । पीरामल फाउंडेशन, पीरामल ग्रुप की परोपकारी शाखा है। फाउंडेशन चार व्यापक क्षेत्रों – स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, आजीविका सृजन और युवा सशक्तिकरण के तहत परियोजनाएं चलाता है। इन परियोजनाओं को विभिन्न समुदायों, कॉर्पोरेट नागरिकों, गैर सरकारी संगठनों और सरकारी निकायों के साथ साझेदारी में शुरू किया गया है । मध्य प्रदेश में शिक्षा में सकारात्मक बदलाव, बच्चों का भावनात्मक विकास करने के लिये पीरामल फाउंडेशन शिक्षा क्षेत्र में काम कर रही हैं। महाराष्ट्र के रहने वाले दिनेश राठोड शहडोल जिले में शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं। दिनेश राठोड शहडोल जिले के आदिवासी समूह के कठौतिया गांव में एक माह से रहकर गाँव की, समाज व्यवस्था, शिक्षा की समस्या, किसानों के स्वानुभव, मजदूरों की मजदूरी और बेरोजगार युवाओं के अनुभव समझते हुए उन्होंने कठौतिया गांव में सकारात्मक बदलाव लाने  का बेहतर प्रयास कर रहे हैं | कठौतिया गांव कृषिप्रधान गाँव है  लेकिन इस गांव मे बेरोजगार युवाओं की समस्या चिंतनीय समस्या है जिसके लिए वह बेहतर सलाह दे रहे हैं | किसानों की समस्या का हल करने के लिये शासन स्तर पर अधिकारियों के सहयोग से काम कर रहे हैं। कठौतिया गांव के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय में बच्चो को अच्छा खाना मिलता था लेकिन साफ – सफाई पर ध्यान नहीं था शासन के नियम के तहत विद्यालयों में पुस्तकालय अनिवार्य हैं फिर भी विद्यालय में पुस्तकालय नहीं थे। बच्चों को खेलने के लिए स्पोर्ट्स की सामग्री नहीं दी जाती थी विद्यार्थियों की उपस्थिति यह बहुत बड़ी समस्या हैं | शिक्षक और बच्चों के माता-पिता इन के बीच में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए शालेय व्यवस्थापन कमेटी की, बैठक कराकर इस समस्या पर काम करने की कोशिश कर रहे हैं | इस बैठक में पंचायत के अंतर्गत आने वाले सभी विद्यालयों के मुख्याध्यापक, शिक्षक, शालेय व्यवस्थापन कमेटी के सभी सदस्य, ग्राम पंचायत के सरपंच, उपसरपंच तथा सभी सदस्य एवं सीएसी उपस्थित थे | दिनेश राठोड ने अटेंडेंस कैंपेन चलाया, जिसमें बच्चो के माता-पिता से मिलकर शिक्षा का महत्व बताकर एवं उन की समस्या सुनकर उस पर सही सोच से भावनात्मक विचार से यह अभियान चलाकर स्कूल में बच्चों की उपस्थिति में सकारात्मक बदलाव लाया। स्वच्छ्ता अभियान के तहत विद्यालय की साफ सफाई की, विद्यालय में पुस्तकालय नहीं थी, विद्यार्थी तथा शिक्षकों की सहायता से विद्यालय मे पुस्तकालय शुरू किया गया | इस पुस्तकालय का लाभ 300 – 350 विद्यार्थियों को मिलेगा, शासन के गतिविधि के अनुसार पढ़ाई कराने में सहायता की, बच्चो के सामाजिक, बौद्धिक, सकारात्मक एवं भावनात्मक विकास के लिये दिनेश राठोड ने कठौतिया गांव निवासी सुशील श्रीवास्तव के घर में रहकर सभी कार्यक्रमों का सुचारु रूप से क्रियान्वयन कर रहे हैं | दिनेश राठोड का कहना हैं कि हमारी कोई भी समस्या हमारे सोच से बढ़कर नहीं हैं।  वे ऐसी शिक्षा चाहते हैं जिसमें  मानव केंद्र रहे हैं और बच्चो में भावनात्मक, ऊर्जात्मक विकास हो, समाज के प्रति अपनापन हो, जिन्दगी से लगाव हो | ऐसे शिक्षा ही मानव को मानव बना सकती हैं |

 

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