नवदम्पत्ति ने आखिर ऐसा क्या संकल्प लिया ? जाने

नेत्रदान के प्रति बढ़ती जागरूकता….
नवदंपति ने स्टेज पर ही लिया नेत्रदान का संकल्प….
✍️ जावरा(बड़ावदा) से शिरीष सकलेचा की रिपोर्ट
नेत्रदान के प्रति जागरूकता दिनोदिन बढ़ती जा रही है। सामाजिक संस्थाएं भी आमजन को नेत्रदान का महत्व बताकर उन्हें प्रेरित कर रही है।
ऐसा ही उदाहरण यहां देखने को मिला है। एक नवविवाहित जोड़े ने वैवाहिक जीवन की शुरुआत के साथ ही जिंदगी के बाद भी किसी दृष्टिहीन व्यक्ति की अंधेरी दुनियां में रोशनी हो इस हेतु दूल्हे ने शादी के मंच से ही नेत्रदान की घोषणा कर अति सराहनीय कदम उठाया।
इन्होंने लिया संकल्प….
दूल्हा नीलेश धाकड़ ने अपनी पत्नी रेखा धाकड़ की मौजूदगी में शादी के मंच पर नेत्रदान संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर कर नई पहल की। दूल्हे के इस निर्णय की शादी समारोह में उपस्थित घरातियों, बरातियों के साथ ही अन्य लोगों ने मुक्तकंठ से प्रशंसा की। शुक्रवार को समीपस्थ ग्राम उपलाई निवासी दुर्गालाल जी धाकड़ के सुपुत्र नीलेश धाकड़ की बारात शाम करीबन 5 बजे जावरा में सुगनश्री परिसर के पीछे स्थित धाकड़ धर्मशाला पहुंची। जहां जावरा निवासी श्री कमलवीर धाकड़ की सुपुत्री रेखा के संग नीलेश के फेरे हुए। शादी की रस्म के दौरान मंच पर वर वधू ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई। इसके बाद नीलेश धाकड़ ने जन अभियान परिषद की नवांकुर सस्था श्रीमती सरोज वेलफेयर सोसायटी की प्रेरणा से मरणोपरांत नेत्रदान का संकल्प लिया।
उन्होंने इस मौके पर मप्र जन अभियान परिषद के ब्लॉक समन्वयक युवराज सिंह पवार को नेत्रदान का पत्र भी सौंपा।
निर्णय की हुई सराहना…..
इस पर ब्लॉक समन्वयक पवार ने धाकड़ के निर्णय को सराहते हुए कहा कि उन्होंने नेत्रदान का संकल्प लेकर युवाओं के सामने एक श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया। नेत्रदान महादान के आदर्श वाक्य को चरितार्थ करते हुए धाकड़ ने असंख्य लोगों को प्रेरणा देने का काम किया। पवार ने कहा कि समाज में ऐसे कई दृष्टि बाधित, नेत्र ज्योतिहीन लोग हैं, जिनके लिए दुनिया अंधेरी है। हमारे इस दुनियां से जाने के बाद भी हम ऐसे लोगों को नेत्र ज्योति प्रदान कर इस दुनिया को उनकी आंखों से देख सकते हैं और उन लोगों के जीवन में उजियारा फैला सकते हैं। इस दौरान संस्था के युवराज रानावत, रमेश धाकड़, सेक्टर समन्वयक अर्पित शिकारी,सिविल हॉस्पिटल से रामनिवास पाटीदार, चंद्रभान सिंह पंवार, बलराम चौधरी निमन आदि उपस्थित रहे।