नेशनल लोक अदालत में कुल 1867 प्रकरणों का हुआ निराकरण ।
शहडोल से ब्यूरो चीफ सत्येंद्र सिंह चौहान की रिपोर्ट
नेशनल लोक अदालत में 1867 प्रकरण हुए निराकृत
कुल 1885 लोग हुए लाभान्वित
शहडोल – राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री महेन्द्र कुमार जैन के मार्गदर्शन में दिनांक 13 मई 2023 को वर्ष की दूसरी नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय शहडोल एवं सिविल न्यायालय ब्यौहारी, बुढ़ार तथा जयसिंहनगर में किया गया। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमान महेन्द्र कुमार जैन तथा जिला न्यायालय शहडोल के अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री राकेश सिंह बघेल एवं न्यायाधीशगण तथा अधिवक्तागण द्वारा मां सरस्वती एवं महात्मा गांधी के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया गया।
इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश श्री बी.एल. प्रजापति, कुटुम्ब न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश सुश्री प्रतिभा साठवणे, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव एवं जिला न्यायाधीश श्रीमती निशा विश्वकर्मा, प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश् श्री अमोद आर्य, द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री संदीप सोनी, तृतीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री प्रिवेन्द्र कुमार सेन, श्रीमती प्रीति साल्वे मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट, श्री रवीन्द्र कुमार धुर्वे द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खंड, श्री मधुसूदन जंघेल व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड, श्री अंजय कुमार सिंह व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड, सुश्री विजयश्री सूर्यवंशी व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड, श्री ऋषभ डोनल सिंह व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड, प्रशिक्षु न्यायाधीशगण सुश्री अपेक्षा पाटीदार, सुश्री मानसी सिंगोदिया, अधिवक्ता संघ के सचिव श्री सतीश पाठक, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री अमित शर्मा, अधिवक्तासंघ के पदाधिकारीगण, इलेक्ट्रानिक एवं प्रिंट मीडिया, पैनल अधिवक्तागण, पैरालीगल वालेंटियर, सामाजिक कार्यकर्तागण, न्यायालय के समस्त कर्मचारीगण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के समस्त कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
नेशनल लोक अदालत को विवाद विहीन समाज की दिशा में एक पुनीत कार्य बताते हुए कहा कि नेशनल लोक अदालत में दोनो अथवा सभी पक्षों की जीत होती है तथा प्रकरण हमेशा के लिए समाप्त हो जाते हैं ।
– प्रधान जिला न्यायाधीश
विभागों के स्टॉल लगाये गये-
जिला शहडोल में नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला न्यायालय शहडोल एवं सिविल न्यायालय ब्योहारी, बुढ़ार तथा जयसिंहनगर को सम्मिलित करते हुये कुल 23 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया था। नेशनल लोक अदालत में जिला न्यायालय परिसर में विद्युत विभाग, नगरपालिका, राष्ट्रीयकृत बैंक, बी.एस.एन.एल आदि विभागों के स्टॉल लगाये गये।
कुल 1867 प्रकरणों का हुआ निराकरण
इस नेशनल लोक अदालत में कुल 1867 प्रकरणों का निराकरण हुआ, इनमें से 1361 प्रकरण प्रीलिटिगेशन के थे जबकि अन्य 506 प्रकरण न्यायालय में लंबित थे । नेशनल लोक अदालत में मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों के कुल 310 प्रकरण लोक अदालत में रेफर किये गये थे जिसमे से 89 प्रकरणों में कुल मिलाकर 2,26,51,000/- रूपये का एवार्ड पारित किया गया । चेक बाउंस के 405 रैफर प्रकरणों में 53 प्रकरण निराकृत हुये तथा 3,59,80,167/-रूपये की राशि के राजीनामा किये गये । न्यायालय में लंबित आपराधिक समझौता योग्य मामलों में 3950 प्रकरण रखे गये जिसमें से 302 का निराकरण राजीनामा के आधार पर हुआ । वैवाहिक प्रकरणों के 305 प्रकरण रखे गये जिसमें से 19 प्रकरण राजीनामा के आधार पर निराकृत हुये । सिविल, विद्युत आदि अन्य श्रेणी के 597 प्रकरण रखे गये जिनमें से 43 प्रकरण निराकृत हुये । कुल मिलाकर न्यायालय में लंबित 5567 राजीनामा योग्य प्रकरण नेशनल लोक अदालत में रखे गये जिसमें 506 प्रकरणों में राजीनामा हुआ एवं 6 करोड़ 32 लाख 70 हजार 617 रूपये की राशि एवार्ड एवं राजस्व प्राप्ति के रूप में प्रभावित हुई ।
राजस्व प्राप्त – प्रीलिटिगेशन स्तर पर बैंक रिकवरी के 1464 प्रकरणों में से 152 प्रकरण निराकृत हुये तथा 17 लाख 65 हजार 230 रूपये की राशि बैंको में जमा हुई । बिजली के 1656 पूर्ववाद प्रकरणों में से 701 प्रकरणों का निराकरण हुआ तथा 7 लाख 34 हजार 209 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ । इसी तरह नगरपालिका के जलकर के 899 प्रकरणों में से 397 प्रकरण निराकृत हुये और लगभग 5 लाख रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ तथा अन्य प्रकरणों में जिनमें दूरसंचार, संपत्तिकर आदि के प्रकरण शामिल हैं के 382 प्रकरणों में से 111 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण हुआ।
टूटते हुए परिवारों जोड़ा –
इस नेशनल लोक अदालत में टूटते हुए परिवारों को समझौते के माध्यम से जोड़ा गया । कुटुम्ब न्यायालय में हलता यादव एवं पारस यादव का तलाक का प्रकरण 2021 से लंबित था। दोनो का विवाह 12 वर्ष पूर्व हुआ था। पक्षकारों को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री महेन्द्र कुमार जैन के मार्गदर्शन में कुटुम्ब न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश सुश्री प्रतिभा साठवणे एवं सुलहकर्ता सदस्यों श्री नारायण प्रसाद शुक्ला, श्रीमती चित्तरूपा दीक्षित तथा उनके अधिवक्ता मनीष द्विवेदी एवं श्री दिनेश शर्मा के द्वारा समझाईश दी गई जिस पर दोनो पक्षकारों ने आपसी मनमुटाव को भुलाकर न्यायालय में लंबित प्रकरण समाप्त करने एवं जीवन भर एक दूसरे का साथ देने का वादा किया और खुशी-खुशी न्यायालय से अपने घर के लिये रवाना हो गये ।
इसी प्रकार भैयालाल विश्वकर्मा एवं रजनी विश्वकर्मा, कमलेश यादव एवं आरती यादव, कविता सोनवानी एवं उमेश सोनवानी, पन्ने पटैल एवं फूलबाई पटैल, (उक्त पति-पत्नी) संजू कुंडे एवं विनय कुंडे (मां-बेटे) आदि कुछ ऐसे परिवार हैं जो नेशनल लोक अदालत में टूटने से बच गए । नेशनल लोक अदालत में मोटर दुर्घटना में आहत हुए कई व्यक्तियों को मुआवजा प्राप्त हुआ जिससे वे आर्थिक रूप से सक्षम हुए ।
निःशुल्क औषधीय एवं फलदार वृक्ष किए प्रदाय–
नेशनल लोक अदालत में राजीनामा करने वाले पक्षकारों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वन विभाग के सौजन्य से निःशुल्क औषधीय एवं फलदार वृक्ष प्रदाय किये गये । इस प्रकार दिनांक 13 मई 2023 को आयोजित नेशनल लोक अदालत में कुल 1867 प्रकरणों का निराकरण हुआ तथा 1885 व्यक्ति लाभांवित हुए ।