अमलाई की पेपर मिल किसी अभिशाप से कम नहीं ।

सतेंद्र सिंह चौहान की रिपोर्ट
शहडोल–
अमलाई पेपर मिल से निकलने वाला धुँआ जनता पर किस प्रकार कहर वर्षा रहा है यह तो देखने को ही मिलता है जो भी इन गलियों से गुजर जाता है बस उनको मानो भगवान ने हीं बचा लिया हो । कोई भी नया व्यक्ति आधे घंटे से ज्यादा यहां नहीं टिक सकता। ऐसा प्रतीत होता है मानव मृत्यु भी हो जाएगी। एक ओर फैक्ट्रियों से शासन को लाभ प्राप्त होता है तो दूसरी ओर जनता को रोजगार के साथ इनाम प्राप्त होता है ऐसी पुरस्कार राशि है जो भी व्यक्ति यहां रहता है वह पीढ़ी दर पीढ़ी इसी प्रकार के जीवन में जीने के लिए आधी हो जाता है प्रदूषण नियंत्रण विभाग इस प्रकार के धुँए को रोकने के लिए क्या कर रहा है इसकी तो शुध दिलाने वाला भी कोई नहीं है। प्रदूषण नियंत्रण के लिये केंद्र ने लाया एक कानून बनाया ,जो भी इसका उल्लंघन करेगा, उसको 5 साल की सजा, एक करोड़ का जुर्माना होगा । परंतु यह तो मान लिया कि जनता सो रही है लेकिन प्रदूषण नियंत्रण विभाग इस पर क्या कर रहा है इस प्रकार के कारखानों से निकलने वाले धुएं को रोकने या नियंत्रण करने के लिए कोई तो उपाय होगा जिससे जनता की रक्षा की जा सके ।
शहडोल से जिला ब्यूरो चीफ सत्येन्द्र सिंह चौहान की रिपोर्ट
