कमलनाथ के निर्णय पर क्या कहते हैं मनोज चावला ?

कमलनाथ के निर्णय ने कांग्रेसियों को दिया झटका फिर भी निकाल लेंगे कोई रास्ता
बड़ावदा से शिरीषसकलेचा
नगरीय निकाय के चुनाव को लेकर कांग्रेस से चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों को उस समय झटका लगा जब सोशल मीडिया पर पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा यह निर्णय लेने की घोषणा की गई कि जिन वार्डों में मतदाता सूची में पार्षद पद के दावेदार का नाम होगा उसे ही टिकट दिया जाएगा। अन्य वार्ड मैं नाम नहीं होने पर टिकट नहीं दिया जाएगा। कमलनाथ के इस निर्णय से नगर के कई कांग्रेसियों को झटका लगा है ।इस पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही कांग्रेसियों में इस पत्र को लेकर मंथन होने लगा। क्योंकि यदि वास्तव में ऐसा निर्णय मूर्त रूप लेता है तो कांग्रेस के कई सशक्त उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से वंचित रहना पड़ सकता है। इस पत्र के वायरल होने के बाद इस प्रतिनिधि ने आलोट क्षेत्र के विधायक मनोज चावला से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि यह पत्र कल जारी किया गया। मैं खुद भोपाल था। वैसे यह निर्णय सही है ।स्थानीय उम्मीदवार को मौका मिलना चाहिए लेकिन कई बार आरक्षण के कारण जीतने वाले उम्मीदवार को अन्य जगह से लड़ना पड़ता है । यदि ऐसे वार्ड में कोई स्थानीय उम्मीदवार नहीं मिले तो सीट खाली तो छोड़ नहीं सकते? ऐसे में जो उचित लगेगा वह निर्णय लिया जाएगा। यदि कहीं ऐसी समस्या आएगी तो जीतने वाले उम्मीदवार को मौका दिया जाएगा। संभागीय प्रभारी को इस विषय पर वीटो पावर पावर दिए गए हैं। वो इस तरह की समस्या आने पर सोच समझकर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है।
वैसे अधिकांश विधायक और कांग्रेस के प्रदेश स्तर के पदाधिकारी भी पीसीसी अध्यक्ष के निर्णय से खुश नहीं है लेकिन सभी दबी जुबान से इस निर्णय पर असहमति जताते नजर आ रहे हैं। बताया जाता है कि सज्जन सिंह वर्मा के नेतृत्व में कमलनाथ से कई पदाधिकारी मिलकर इस निर्णय को बदलने की मांग करेंगे ।जब तक इस निर्णय पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया पीसीसी द्वारा नहीं दी जाती अब तक असमंजस की स्थिति है। वहीं कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि इस निर्णय से कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है।

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