आखिर क्यों कटे इनके टिकट ? क्यों नहीं जताया भरोसा ,जाने

अंतिम दौर में कट गए तय टिकिट,संघटन हुआ नतमस्तक–

टिकिट वितरण के बाद अब बागियों की बग़ावत भाजपा को करेगी परेशान, फिर भी बहुमत की चर्चा भाजपा

बड़ावदा से शिरीष सकलेचा
लंबी प्रतीक्षा के बाद शुक्रवार देर रात को भाजपा जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह लुनेरा द्वारा आलोट विधानसभा क्षेत्र की आलोट ताल, बड़ावदा नगर परिषद के पार्षद पद के 15 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई। 1 दिन पूर्व जिले की सभी नगर परिषद हो की घोषणा कर दी गई थी लेकिन आलोट विधानसभा क्षेत की परिषदों में टिकिट को लेकर काफी माथापच्ची चल रही थी। तीनों परिषदों में कुछ नामों को लेकर टकराव की स्थिति बनी हुई थी। बताया जाता है कि शुक्रवार रात को उज्जैन में सांसद अनिल फिरोजिया ,पूर्व विधायक जितेंद्र गहलोत,ज़िला अध्यक्ष् राजेन्द्र सिंह आदि की मौजूदगी में अंतिम सूची जारी हुई। सोशल मीडिया पर प्रत्याशियों की सूची आने के बाद किसी खेमे में खुशी तो किसी खेमे में मायूसी छा गई ।नगर परिषद बड़ावदा के प्रत्याशियों की संभावित सूची से भूमिका भास्कर ने पहले ही पाठकों को अवगत करा दी थी। जो शत प्रतिशत सही साबित हुई।
भाजपा में 3-4 प्रबल दावेदारों के टिकट कटने के बाद यह तय हो गया कि यहां भाजपा का एक गुट टिकट वितरण में पूरी तरह हावी रहा। भाजपा के दो अन्य गुट टिकट लेने में मात खा गए। चर्चा है कि कुछ नाम उज्जैन में तय हो चुके थे लेकिन स्थानीय भाजपा के कर्ताधर्ताओ के कड़े रुख के कारण शीर्ष नेतृत्व चाह कर भी इन लोगों के टिकट पर मोहर नहीं लगा सका। पार्षद पद के प्रत्याशियों की सूची में जब दावेदारों को अपने टिकट कटने का पता चला तो तत्काल उन्होंने अपनी अगली रणनीति बनाना शुरू कर दी है। बताया जाता है कि जिन लोगों के टिकट कटे हैं वह एक अपना अलग भारतीय जनता पैनल बनाकर दमखम से चुनाव लड़ेंगे। यहां भाजपा में खेलो नहीं तो खेल बिगाड़ो वाली स्थिति बनती नजर आ रही है। यहां भाजपा में 3 गुट हो गए हैं ।अब हर किसी की निगाह तीसरे मोर्चे पर टिकी हुई है क्योंकि तीसरे मोर्चे के मुखिया खुद अपने ही चुनाव में संघर्ष करते नजर आ रहे है ।ऐसे में वे इस चुनाव में अपनी क्या रणनीति बनाते है यह संभवत एक-दो दिन में सबके सामने होगा।
8 जुलाई को पंचायत चुनाव के मतदान के बाद एक गुट के नेतृत्वकर्ता अपना करिश्मा दिखा सकते हैं।
भाजपा के एक खेमे में टिकट वितरण को लेकर पूरी तरह संतोष दिखाई दे रहा है ।इस बार भाजपा ने लगभग सभी नए चेहरे मैदान में उतारे हैं। पुरानी परिषद से दो उम्मीदवार ही इस बार सामने आए हैं। भाजपा ने यहां सभी जातियों को साधने का प्रयास किया है। दर्जी समाज यहां टिकट लेने में बाजी मार गया है ।15 वार्डो की परिषद में 2 वार्डो पर इस समाज को मौका मिला है।
इन पर गिरी गाज—
पूर्व परिसद के पार्षदो में अनिल अवस्थी,कल्पना राजेन्द्र कुमावत, रामकरण मालवीय पर गाज गिर गयी है। इनके टिकिट कटने के कई कारण बताए जा रहे है। वार्ड क्रमांक 3 से अवस्थी का टिकट कटने के बाद भाजपा ही नहीं नगर में भी इन को लेकर खासी चर्चा है। हर कोई यह पूछता नजर आ रहा है कि आखिर इनका टिकट क्यों कटा ?अब इस सवाल का जवाब दो संगठन ही दे सकता है? लेकिन आम जनता इनके टिकट कटने से खुश नजर नहीं आ रही है ।ज्ञात रहे पूर्व में भी दो बार पार्षद के चुनाव अवस्थी ने बड़े संघर्ष के साथ जीता था। इस बार यदि वे चुनाव लड़ते हैं तो उनका राजनीतिक करियर दाव पर लगेगा। अवस्थी के साथ ही अन्य टिकट कटने वाले दावेदार भी अब अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए चुनाव लड़कर अपना वजूद बताने के लिए तैयार दिखाई दे रहे हैं उधर भाजपा के मंडल अध्यक्ष महेंद्र सिंह ने कहा कि पार्टी ने काफी सोच समझकर टिकट दिए है। टिकट वितरण में सभी वर्गों को साधने का प्रयास किया गया है। जिन लोगों को मौका नहीं मिला है उनसे बात की जाएगी एवं अन्य जगह एडजस्ट किया जाएगा ।भाजपा बड़ावदा में पूर्ण बहुमत के साथ चुनाव जीतेगी इसमें कोई दो मत नहीं है।
नाम वापसी के बाद नगर की राजनीतिक तस्वीर पूरी तरह साफ दिखाई देगी। यहां पार्षदों की हार जीत का आकलन लगना शुरू हो गया है ।पार्षदों के साथ ही अध्यक्ष कौन बनेगा यह चर्चा भी चौराहों पर चलने लगी है। चर्चाओं में बताया जा रहा है कि यदि यहां भाजपा का बहुमत बनता है तो श्रीमती रमिला जितेंद्र हिंगड़ अध्यक्ष पद की दावेदार बनकर सामने आ सकती है? क्योंकि इस वार्ड से उनकी जीत भी संभावित बताई जा रही है और उनका राजनीतिक वजूद भी सर्वविदित है । आज के आकलन में भाजपा की 9 से 10 सीटें बताई जा रही है।
बरहाल अभी तो चर्चाओ के बल पर ही कुछ कहा जा रहा है। आने वाले समय की हर राजनीतिक परिस्थितियों पर नजर रख कर पाठकों को अवगत करायेंगे।

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