प्रीमियम की गलत कटौती से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसान और शासन को लाखों का चूना,कलेक्टर और विधायक को ज्ञापन सौपकर जांच की मांग।
केसली से ब्रजेश रजक की रिपोर्ट
केसली : सागर जिले की केसली तहसील अंतर्गत सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा टडा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों के केसीसी खातों से साल में दो बार खरीफ और रबी के सीजन में प्रीमियम राशि शासन के निर्धारित रेट पर बैंकों के द्वारा काटी जाती है। किंतु टड़ा शाखा में शासन के नियमों को दरकिनार कर अपने ढंग से मनमाने तरीके से किसानों के खातों से राशि काटी गई है जिससे किसान और सरकार दोनों को लाखों रुपए का चूना लगा है। नियम यह है कि यदि किसी किसान की एक हेक्टेयर सोयाबीन की फसल का बीमा किया जाना है तो किसान के खाते से वर्ष 2019 में ₹487.5 एवं शासन से 5118.75 रुपया लिया जाएगा। एवं वर्ष 2020 में किसान से ₹660 एवं शासन से ₹4620 लिया जाएगा। सेंट्रल बैंक की टडा शाखा में बैंक प्रबंधन ने ऐसा कमाल किया है की किसानों के नाम पर इतनी जमीन ही नहीं है जितना कि बैंक के द्वारा प्रीमियम काटा गया है। केवलारी निवासी श्रीमती संतोषरानी सोनी के नाम पर मात्र 0.8 हेक्टेयर जमीन है बैंक ने 2 वर्षों में इनके खाते से 2.42 हेक्टेयर का प्रीमियम काटा है जिससे किसान को ₹2334का और शासन को 18424 ₹ का नुकसान हुआ है। इसी तरह केवलारी के दूसरे किसान विनोद जैन के नाम पर मात्र 1.58 हेक्टेयर जमीन है किंतु बैंक ने इनके खाते से 4.02 हेक्टेयर जमीन का प्रीमियम काटा है जिससे किसान को ₹2787 का और शासन को ₹23680 का नुकसान हुआ है।
आरटीआई कार्यकर्ता एवं ग्रामीण अधिकार संगठन मध्य प्रदेश के उपाध्यक्ष धनीराम गुप्ता को जब इस गड़बड़ी का पता चला तो उन्होंने क्षेत्र के लगभग 25 किसानों से संपर्क किया जिनके किसान क्रेडिट कार्ड सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा टडा के द्वारा जारी हुए है। पासबुक को देखकर दंग रह गए कि किसी भी पासबुक से फसल बीमा प्रीमियम की राशि नियमानुसार नहीं काटी गई। उन्होंने कलेक्टर महोदय सागर एवं देवरी विधायक पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री हर्ष यादव को पत्र लिखकर जांच एवं कार्यवाही की मांग की है कि टड़ा सेंट्रल बैंक के द्वारा किसानों के लगभग 3000 क्रेडिट कार्ड तैयार किए गए हैं जिसमें से 18 किसानों की हमने जो सूची तैयार की है उसमें लगभग ₹ एक लाख सत्तर हजार रुपए की गड़बड़ी सामने आई है ।अगर इसी औषत से पूरे किसानों का आकलन किया जाए तो लगभग 3 करोड रुपए की गड़बड़ी सामने आ सकती है धनीराम गुप्ता ने मांग की है कि क्षेत्रीय कार्यालय सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया सागर के अधीन सागर जिले में सेंट्रल बैंक की 30 शाखाएं हैं सभी में इस मामले की जांच की जानी चाहिए हो सकता है कि यह गड़बड़ी सभी शाखाओं में सामने आए।
इनका कहना है
-इस मामले में जांच की गई है जिस में गड़बड़ी का कोई मामला नहीं दिखा।
शैलेश वर्मा क्षेत्रीय प्रबंधक सागर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
पूर्व शाखा प्रबंधक श्री जे के मंडल के समय इस मामले में कुछ गड़बड़ी हो सकती है ,किंतु अब हमारे कार्यकाल में नहीं होगी।
ओ पी वर्मा शाखा प्रबंधक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया टड़ा
श्री धनीराम गुप्ता ने गड़बड़ी के जो साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं और पत्र दिया है उनसे मामला बहुत गंभीर दिखाई देता है किसानों और शासन दोनों को इससे गंभीर नुकसान हुआ है इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाएंगे।
हर्ष यादव विधायक देवरी एवं पूर्व कैबिनेटमंत्री मध्य प्रदेश शासन