तेज रफ्तार वाहन की टक्कर से 3 गाय व 1 बछडे की मौत।
बड़ामलहरा से मनोज जैन की रिपोर्ट
बड़ामलहरा। मंगलवार की अल सुबह तेज रफ्तार वाहन की टक्कर से 3 गाय व 1 बछडे की मौत हो गई जबकि, 1 गाय घायल हो गई जिसका इलाज किया जा रहा है। सडक दुर्घf टना में गौवंश पालकों व प्रशासन की लापरवाही मानी जा रही है।
जानकारी के अनुसार, नजदीकी ग्राम घिनौची स्थित यात्री प्रतिक्षालय के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग पर सडक दुर्घटना में 2 गाय व 1 बछडे की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। सडक दुर्घटना में 1 गाय व बछडा घायल हुआ जिससे गंभीर रूप से घायल एक और गाय ने इलाज के बाद दम तोड दिया। घटना रात 3 से 4 बजे के मध्य की बताई जा रही है। सडक दुर्घटना में मारे गए गौवंश पर अभी तक किसी ने मालिकाना हक नहीं जताया जिससे उन्हें निराश्रित माना गया है।
पालकों से उपेक्षित सडकों पर बेसहारा घूम रहे गौवंश की दुर्घटना में मौत हो रही है। कई गायें भारी वाहनों की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो रहीं हैं। सरकार ने गौवंश संरक्षण के लिए नीति तो बनाई परंतु योजना कागजों में तक सीमित है। उपेक्षा के शिकार गौवंश की सुरक्षा के लिए स्थानीय प्रशासन भी कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा। ग्रामीण बताते है कि, बरसात में मौसम में गांव से निकले राष्ट्रीय राजमार्ग पर दर्जनों गौवंश का डेरा सडक पर रहता है जिससे वह दुर्घटना का शिकार हो रहे है। बताते है कि, ग्राम पंचायत मुंगवारी में गौशाला संचालित हो गई है जो घटना स्थल से करीब 2 कि. मी. दूर है। सडक पर आवारा घूम रहे गौवंश को प्रशानिक स्तर पर गौशाला भेजनें की व्यवस्था की जानी चाहिऐ जिससे की सडक दुर्घटनाऐं रोकी जा सकें।
पत्रिका समाचार पत्र ने 20 अगस्त के अंक में “सडक पर गौवंश का डेरा, हो रही दुर्घटनाऐं” खबर का प्रमुखता से प्रकाशन कर गौवंश पालकों व प्रशासन का इस ओर ध्यानाकर्षित कराया था। लापरवाही के चलते 4 गौवंश की अकाल मौत हो गई। नगर बडामलहरा से गुजरे राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी यही हाल है सैकडों की संख्या में गौवंश व अन्य मवेशी सडक में विचरण कर रहे है। सडक से दिन रात सैकडों भारी वाहनों की आवाजाही भी है जरा सी चूक से कोई बडी सडक दुर्घटना की निरंतर आशंका बनी हुई हुई। स्थानीय लोगों ने भी प्रशानिक अधिकारियों के समक्ष यह गौवंश को संरक्षित करने की नीति पर काम करनें की बात रखी है। बताते हैं कि, गौवंश संरक्षण व संवर्धन हेतु बि.खं. अंतर्गत 25 गौशाला कार्य स्वीकृत हुऐ है इनमें 7 निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके व 3 गौशालाऐं संचालित भी हो चुकी है। निराश्रित गौवंश को इन गौशाओं में रखनें की व्यवस्था की जाना चाहिऐ साथ ही प्रगतिरत गौशालाओं का निर्माण भी समयसीमा में कराया जाना चाहिऐ जिससे शासन की मंशानुसार गौवंश संरक्षण में सहूलियत हो सके।
“घटना की जानकारी लगते ही मैं सुबह छ: बजे घटनास्थल पर पहुंच गया था घायल गौवंश का इलाज कराया व मृत गौवंश की गांव के बाहर मिट्टी की गई। घटना स्थल पर रोजाना बडी तादाद में गौवंश इकट्ठा होता है इन्हें सुरक्षित रखनें के लिए सीइओ साहब से मार्गदर्शन मांगा है।“
बालमकुंद राजपूत, रो.स. ग्राम पंचायत घिनौची।
“घटना की जानकारी मिली है गौवंश संरक्षण के लिए उन्हें ग्राम पंचायत मुंगवारी में स्थित गौशाला भिजवानें की व्यवस्था कराता हूँ”
अजय सिंह, सीइओ जनपद पंचायत बडामलहरा।