SAGAR : प्रवासी मजदूर एवं कृषक प्रशिक्षण का हुआ आयोजन।
भूमिका भास्कर संवाददाता सागर-गांवो में भी रोजगार के अनेकों साधन है लेकिन हमारी दृष्टि इन संसाधनों पर नहीं जाती और हम रोजगार के लिए शहरों में दर-दर की ठोकरें खाते रहते हैं अगर ग्रामीण क्षेत्र के युवा किसान भाई स्थानीय स्तर पर रोजगार स्थापित करें तो उन्हें बाहर जाकर किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा वर्तमान में तकनीकी के माध्यम से ऐसे रोजगार के साधन ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर स्थापित किए जा सकते हैं ।और शासन ऐसे कार्यों के लिए भरपूर मदद देती है। वर्तमान में सागर जिले में सोयाबीन और उड़द की फसलें बर्बाद हो गई है इसका प्रमुख कारण हमारी जमीन की उत्पादन क्षमता नष्ट हो गई है और किसान परंपरागत तरीके से खेती अपना रहे अब कुछ समय बाद रवि सीजन शुरू होने वाला है किसानों को चाहिए कि वह अच्छे बीजों का चुनाव करें, बीजों को उपचारित करें , केंचुआ खाद का उपयोग करें और अनियंत्रित रासायनिक उर्वरको के उपयोगसे बचें। तभी किसान और किसान की जमीन सुरक्षित रहेगी। यह बात कृषि विज्ञान केंद्र सागर के प्रमुख एवं वैज्ञानिक डॉक्टर के एस यादव ने ग्राम पंचायत केवलारी कला में आयोजित प्रवासी मजदूरों एवं किसानों को प्रशिक्षण देते हुए कहीं ।यह प्रशिक्षण शिविर कृषि विज्ञान केंद्र सागर के तत्वाधान में मुख्यतः प्रवासी मजदूरों के लिए आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य गरीब कल्याण रोजगार अभियान को सफल बनाना है।कृषि विज्ञान केंद्र सागर की वैज्ञानिक डॉ वैशाली शर्मा ने केंचुआ खाद उत्पादन तकनीक एवं फार्म बायो वेस्ट प्रबंधन के बारे में किसानों को विस्तृत रूप से बताया उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में केंचुआ खाद का उत्पादन करके हम सुव्यवस्थित रोजगार प्राप्त कर सकते हैं ,सरकार धीरे-धीरे यूरिया को बंद करने वाली है ऐसी स्थिति में किसानों के लिए केचुआ खाद का उपयोग करना जरूरी हो जाएगा ।बहुत से किसान ग्रामीण क्षेत्रों में खाद उत्पादन करके अच्छा लाभ कमा रहे हैं। पढ़े-लिखे लोग भी इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन करके मुनाफा ले रहे हैं। किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र की तरफ से नोटबुक पेन सेनीटाइजर बॉटल एवं बैग भी दिए गए। इस अवसर पर 35 प्रवासी मजदूरों के अलावा सरपंच प्रतिनिधि रामदास पाठक अजब सिंह राजपूत माधव प्रसाद पाठक नारायण सिंह ठाकुर राजकुमार पटेल हरि नारायण नीखरा सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन धनीराम गुप्ता ने किया।